सेंट्रल लाइब्रेरी खोलने की मांग
लाइब्रेरी इन दिनों बंद होने के कारण छात्रों को बाहर दुकानों किताब खरीदना पड़ रहा है। इसीलिए 1500 से 2000 रुपये के बीच में किताबों को खरीद कर पढ़ना उनके लिए मुश्किल साबित हो रहा है। इससे परिवार पर अतिरिक्त दबाव पड़ रहा है। उनकी मांग है कि सेंट्रल लाइब्रेरी को खोल दिया जाए, जिससे सभी अपनी पढ़ाई शुरु कर सकें।
छात्रों का आरोप है कि यहां कोई उनके कैरियर को देखने वाला नहीं है। विश्वविद्यालय में गठित कमेटी भी इसे गंभीरता से नहीं ले रही है, उन्हें मीटिंग के लिए बुलाते हैं लेकिन मीटिंग के दौरान झूठे आश्वासन देकर छात्रों को शांत करा दिया जाता है।
जिद पर अड़े हैं छात्र
इस बार छात्र अपनी जिद पर अड़े बैठे हैं, उनका कहना है कि आज की मीटिंग में अगर उनकी बात नहीं मानी जाती है तो वह आगे इससे भी बड़ा धरना देंगे। इस बार बड़ी संख्या में सेंट्रल लाइब्रेरी के बाहर प्रदर्शन होगा, जिसकी जिम्मेदारी विश्वविद्यालय प्रशासन की होगी।