लखनऊ। कोरोना की वजह से एक साल का पूरा वक्त बर्बाद हो चुका है। साथ ये एक बार फिर कोरोना ने दस्तक दे दी है। ऐसे में लोगों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं।
इस बीच संघ लोक सेवा आयोग की तैयारी कर रहे प्रतियोगी छात्रों ने सरकार से उम्र सीमा में एक साल और बढ़ोत्तरी करने की मांग की है। इसको लेकर छात्रों ने सत्याग्रह भी शुरू कर दिया है।
छात्रों का यह सत्याग्रह दिल्ली से होकर लखनऊ पहुंच गया है। अभ्यर्थियों का कहना है कि कोरोना की वजह से पिछला एक साल पूरी तरह बर्बाद हो गया। इस दौरान कोई भी प्रतियोगी परीक्षा नहीं हो पाई।
अभ्यर्थी आलोक कुमार पांडेय ने कहा कि कोरोना की वजह से करीब 10 हजार प्रतियोगी छात्र ऐसे हैं जिनकी या तो उम्र सीमा पूरी हो गई है या मैक्सिमम अटेम्प्ट पूरा हो गया है। जबकि इनको पूरे साल प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठने का मौका ही नहीं मिला।
अभ्यर्थियों ने कहा कि कोरोना की वजह से उनके करियर पर नकारात्मक असर पड़ रहा है। सरकार को हमारा भी ध्यान देना चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता है तो कई हजार बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि इस संबंध में सरकार की ओर से अभी तक कोई भी गाइडलाइन जारी नहीं हुई है। सरकार को इस संबंध में विचार करने की जरूरत है। अभ्यर्थियों ने बताया कि वे संविधानिक रूप से सत्याग्रह कर #UPSCExtraAttempt नाम से देशव्यापी मुहीम शुरू की है। जिसमे वो तमाम अभ्यर्थी सम्मिलि हो रहे हैं।
आलोक ने बताया कि कोरोना महामारी से प्रभावित संघ लोक सेवा आयोग के उम्मीदवारों को सिविल सेवा परीक्षा में अतिरिक्त मौका देने का मुद्दा राज्यसभा में भी उठा था। महामारी के कारण प्रभावित हुए यूपीएससी अभियर्थियों को वर्ष 2021 में एक अतिरिक्त मौका देने की मांग की गई है।
यूपीएससी ने सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा 4 अक्टूबर को आयोजित की थी लेकिन कई उम्मीदवार अनेक कारणों से या तो परीक्षा में बैठ नही पाए या बिना पर्याप्त तैयारी के परीक्षा में बैठे थे। इन सभी छात्रों का कहना है कि हमे सरकार की नीयत में कोई शक नही, किंतु सरकार से निवेदन है कि जल्द से जल्द इस मसले पर फैसला कर हम सब के भविष्य को सुरक्षित करे।