पहली से 12वीं कक्षा के सभी छात्रों को महीने में दस दिन बिना बैग के कक्षा में आना होगा. छठीं से आठवीं कक्षा के छात्र व्यावसायिक प्रशिक्षण के तहत कारपेंटर, कृषि, बागवानी आदि की इंटर्नशिप करेंगे. छठीं से 12वीं कक्षा के छात्रों को छुट्टियों के दौरान व्यावसायिक कोर्स करवाया जाएगा. ये प्रावधान नई शिक्षा नीति के तहत स्कूल बैग पॉलिसी 2020 में सुझाए गए हैं और इन्हें सभी राज्यों के शिक्षा सचिव को भेजा गया है.
स्कूल में बैग का वजन जांचने को लगानी होगी डिजिटल मशीन
बैग का वजन जांचने के लिए हर स्कूल को डिजिटल मशीन लगाना अनिवार्य होगा. स्कूल बैग हल्के और दोनों कंधों पर लटकने वाले होने चाहिए, ताकि बच्चे आसानी से उसे उठा सकें.
टिफिन लाने का झंझट खत्म
स्कूलों में मिड-डे-मील देना होगा, ताकि उन्हें लंच न लाना पड़े. बच्चों को पानी की बोतल भी लाने की जरूरत नहीं है. स्कूलों को ही स्वच्छ पानी की व्यवस्था करनी होगी. टाइम टेबल में बच्चों को बैग बगैर आने का दिन और समय तय करना होगा. दिव्यांग छात्रों के लिए स्कूल में ही किताब बैंक रखना होगा, ताकि उन्हें घर से किताब लाने की जरूरत न पड़े.
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की उप-सचिव सुनीता शर्मा की ओर से नई शिक्षा नीति 2020 के तहत फाइनल स्कूल पॉलिसी 2020 सभी राज्यों के शिक्षा सचिव को भेजी गई है. यह पॉलिसी देश के सभी स्कूलों में लागू करनी अनिवार्य होगी.
प्री- प्राइमरी कोई बैग नहीं
पहली कक्षा 1.6 से 2.2 किलो
दूसरी कक्षा 1.6 से 2.2 किलो
तीसरी कक्षा 1.7 से 2.5 किलो
चौथी कक्षा 1.7 से 2.5 किलो
पांचवीं कक्षा 1.7 से 2.5 किलो
छठीं कक्षा 2 से 3 किलो
सातवीं कक्षा 2 से 3 किलो
आठवीं कक्षा 2.5 से 4 किलो
नौंवी कक्षा 2.5 से 4.5 किलो
दसवीं कक्षा 2.5 से 4.5 किलो
11वीं कक्षा 3.5 से 5 किलो
12वीं कक्षा 3.5 से 5 किलो
हालांकि पॉलिसी करने से पहले राज्य इस पर अपने सुझाव भेज सकते हैं. नई स्कूल बैग पॉलिसी में स्कूल और पेरेंट्स की अहम जिम्मेदारी तय की गई है.