लखनऊ। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ लखनऊ विश्वविद्धालय में हिंदवी स्वराज समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत करने पहुंचे थे कि अचानक छात्र-छात्राओं का एक दल काले झंडों को साथ उनकी गाड़ी पर टूट पड़ा और सड़क को घेर लिया उसके बाद छात्रों ने जमकर योगी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इससे पहले छात्रों को रोकने के लिए कुछ किया जाता छात्रों का पूरा गुट योगी की गाड़ी के आगे कूद गया। मजबूरन ड्राइवर को ब्रेक मारने पड़े ड्राइवर के ब्रेक मारते ही सुरक्षाकर्मियों के हाथ पांव फूल गए। इतने में छात्रों ने काले झंडे दिखाकर नारेबाजी शुरू कर दी।
बता दें कि प्रदर्शनकारियों का नृतत्व विश्वविद्धालय के शोध छात्र अनिल सिंह कर रहे थे। चानक हुए बवाल से सकते में आई पुलिस ने आनन- फानन में उपद्रवी छात्रों को लाठियां फटकारते हुए खदेड़ दिया। दर्जनभर से अधिक छात्रों को हिरासत में भी लिया गया था।
लखनऊ युनिवेर्सिटी के बहार हुई अपनी बेइज्जती से नाराज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ के डीएम कौशल राज शर्मा और एसएसपी दीपक कुमार को तलब कर जवाब- तलब किया। बाद में प्रोग्राम के दौरान मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में कहा कि कुछ लोग हिन्दवी स्वराज्य दिवस के विरोध को लेकर सड़कों पर हिंसक प्रदर्शन करने तक को तत्पर दिखाई दे रहे हैं।
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समारोह में आते समय कुछ लड़के विरोध कर रहे थे कि हिन्दवी स्वराज्य नाम क्यों रखा गया। इस पर मुझे स्वामी विवेकानंद की बात याद आ गई कि जिस कौम को अपने इतिहास की जानकारी न हो, वो अपनी भूगोल की रक्षा भी नहीं कर सकती। कार्यक्रम में योगी आदित्यनाथ ने उनको काला झंडे दिखने वाले छात्रों को नक्सली बता दिया।