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फतेहपुर: अपहरणकर्ताओं को ढूंढती रही पुलिस, लेकिन मासूम तो ऐसे मिला

फतेहपुर: अपहरणकर्ताओं को ढूंढती रही पुलिस, लेकिन मासूम तो ऐसे मिला

फतेहपुर: फतेहपुर पुलिस अंधेरे में तीर चलाती रही और अपहरणकर्ता ने मासूम की हत्या कर दी। पुलिस मुकदमा दर्ज कर जब तक आरोपी तक पहुंच पाती कि उससे पहले ही वारदात को अंजाम देकर पुलिस को ठेंगा दिखा दिया।

शुक्रवार को गांव के कुएं में शव होने की जानकारी मिलने पर पहुंची पुलिस ने अपनी रटी-रटाई कार्यवाई करते हुए शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। लेकिन, इन सब के बीच जहां अपहरणकर्ताओं ने पुलिस को आइना दिखाते हुए न केवल अपने मंसूबों में सफल हुए बल्कि मलवां पुलिस को गहरा घाव देते हुए उनकी कार्यशैली पर दाग लगा दिया।

एक जून को लापता हुआ छात्र

जिले में मलवां थाना क्षेत्र स्थित शिवपुर मजरे आदमपुर के रहने वाले लाला पाल औद्योगिक क्षेत्र की एक फैक्ट्री में काम करते हैं। इसके साथ ही वह ई-रिक्शा भी चलाते हैं। पुलिस को दी गई जानकारी में उन्होंने बताया कि एक जून की रात को उनका बेटा शिवाकांत घर के बाहर से लापता हो गए थे।

पुलिस ने गुमशुदगी का मुकदमा दर्ज कर छात्र शिवाकांत की खोजबीन शुरू की। इसी बीच गुरुवार को पीड़ित सुनील बाबू ने पुलिस को बताया कि, किसी ने उनके पास फोन कर 20 लाख रुपये की फिरौती मांगी थी। इस पर पुलिस अधीक्षक सतपाल आंतिल ने सर्विलांस, स्वाट टीम सहित चार टीमों को सक्रिय कर दिया।

इधर, पुलिस ने कुछ संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की लेकिन कोई सफलता हाथ नहीं लगी। शुक्रवार को चौथे दिन गांव के लोगों ने सुनसान में बने कुएं के अंदर किसी का शव पड़ा देखा तो पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को निकलवा कर परिजनों से शिवाकांत के रूप में पहचान करायी।

पांच लोगों से पूछताछ, नहीं मिले पांच सुराग

पुलिस के अनुसार शिवकांत मामले पर अब तक पांच लोगों से पूछताछ हुई है लेकिन पुलिस इनके पास से पांच सुराग भी नहीं जुटा पायी। पूरे मामले पर पुलिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट के सहारे बैठी है। पता नहीं पुलिस को पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद कौन सा ब्रह्मास्त्र मिल जाएगा कि तुरंत घटना का खुलासा हो जाएगा। जबकि चार दिन बीतने के बाद भी पुलिस न किसी को गिरफ्तार कर पायी है और न ही कोई सुराग खोज पायी है।

20 लाख की फिरौती को संदिग्ध मानती रही पुलिस

पुलिस के अनुसार फैक्टी और ई-रिक्शा चलाने वाले से 20 लाख रुपये की फिरौती मांगने की बात सही नहीं लग रही थी। शायद यही कारण था कि मामले को गंभीरता से नहीं लिया गया। इतना ही नहीं शव मिलने के बाद भी पुलिस हत्या को लेकर संशय में है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही कोई कार्यवाई की बात कही जा रही है।

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