देहरादून। उत्तराखंड क्रांति दल (यूकेडी) ने राज्य सरकार से क्लिनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट 2010 को पूरी तरह लागू करने की मांग की। यूकेडी के महानगर अध्यक्ष सुनील ध्यानी ने कहा कि इस एक्ट से स्थानीय नागरिकों को डेंगू जैसी बीमारियों का बेहतरीन इलाज मिलने में मदद करेगी।
ध्यानी ने कहा, “केंद्र में तत्कालीन सरकार द्वारा 2010 में सीईए पारित किया गया था, लेकिन उत्तराखंड सरकार ने अभी भी इसे लागू नहीं किया है, क्योंकि इस अधिनियम से अस्पताल माफियाओं को गरीब मरीजों की जेब से लाभ प्राप्त करने की संभावना कम हो जाएगी। इसके बजाय, नए मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम 2019 को जल्दबाजी में लागू किया गया।
उन्होंने कहा, सीईए मातृत्व घरों के तहत, डिस्पेंसरी क्लिनिक, नर्सिंग होम, एलोपैथिक, होम्योपैथिक और आयुर्वेदिक चिकित्सा सुविधाएं समान दरों पर प्रदान की जाएंगी। प्रत्येक अस्पताल केंद्र द्वारा समान दरों पर शुल्क लगाने के लिए बाध्य होगा। हालांकि, राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी ने इन निजी अस्पतालों से अपनी पूरी मार्केटिंग निधि प्राप्त कर ली है, अधिनियम को लागू करने में कोई दिलचस्पी नहीं है।