आगरा। देश में आए दिन आवारा पशुओं द्वारा फसल नष्ट करने का सिलसिला बढ़ता ही जा रहा है। किसान अपनी फसल को बड़े ही चाब के साथ उगाता है। लेकिन क्या वह इसी दिन के लिए फसल बोता है कि आवारा पशु आएंगे और एक झटके में सारी फसल नष्ट कर देंगे। यह सिलसिला दिनों दिन बढ़ता ही जा रहा है। आवारा पशुओं द्वारा फसल नष्ट करने की मार किसानों को पड़ती है। ज्यादातर किसान खेती पर ही निर्भर होते हैं। जिसके चलते वो अपना काम करने के लिए कर्जा ले लेते हैं। लेकिन आवारा पशुओं द्वारा फसल नष्ट करने की वजह से समय पर नहीं लौटा पाते। ऐसा ही एक मामला आगरा के फतेहाबाद से आया है, जहां आवारा पशुओं द्वारा 6 बीघा जमीन पर गेहूं की फसल को पूरी तरह से नष्ट कर देने से सदमे में आकर एक किसान का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया।
डाॅक्टरों ने किसान को किया मृत घोषित-
बता दें कि ढोरा के 51 वर्षीय नारायण सिंह ने कथित तौर पर 90 हजार रुपये उधार लिए थे और कर्ज चुकाने के लिए अपनी फसल पर निर्भर थे। उनके परिवार में दो अविवाहित बेटियों सहित तीन छोटे बच्चे हैं। उनके परिवार के सदस्यों के अनुसार, सिंह आवारा पशुओं से फसल की रक्षा के लिए अक्सर खेतों में अपना समय व्यतीत करते थे। मिली जानकारी के अनुसार सोमवार की शाम, वह रात के खाने के लिए घर आए और जब तक वह वापस गए, तब तक उनकी पूरी फसल 50 एकड़ से अधिक आवारा पशुओं ने नष्ट कर दी। परिवार के सदस्य ने कहा, “सिंह इस सदमे को सहन नहीं कर सके और दिल का दौरा पड़ा। उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
लगभग 90 हजार रुपये के कर्ज में था किसान-
मृतक के एक रिश्तेदार भूरी सिंह ने बताया, “नारायण सिंह गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे थे। वह लगभग 90 हजार रुपये के कर्ज में थे। पत्नी और तीन बच्चों सहित पांच सदस्यीय परिवार सभी उन पर निर्भर थे। वह आवारा पशुओं के कारण हुए फसल नुकसान को सहन नहीं कर पा रहे थे और कॉर्डिएक अरेस्ट से उनकी मृत्यु हो गई। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से परिवार को आर्थिक सहायता देने की अपील की है। वहीं सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट (फतेहाबाद) अमित काले ने कहा, हमें आवारा पशुओं के कारण हुई फसल क्षति के बाद एक किसान की मौत के बारे में जानकारी मिली है। तहसील के कर्मचारियों को परिवार से मिलने के लिए भेजा गया और रिपोर्ट के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी।