इराक के तानाशाह सद्दाम हुसैन अपनी जिंदगी के आखिरी दिनों में अमेरिकी जेल में बंद थे। वे अपनी सारी कहानी वहां पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों के साथ साझा करते थे। उन्होंने जेल में मौजूद सुरक्षा कर्मियों से गहरी दोस्ती कर ली थी और उनका पूरा दिन मैरी जे ब्लिज के गाने और मफिन खाते हुए गुजरता था। सद्दाम हुसैन की जेल में 12 सुरक्षाकर्मी तैनात थे। विल बाडेर्नवेरपेर की किताब ‘द प्रिजनर इन हिज पैलेस: सद्दाम हुसैन, हिज अमेरिकल गार्ड्स एंड व्हॉट हिस्ट्री लीव्ज’ में उनकी जिंदगी के आखरी लम्हों के बारे में बताया गया है। उनके बारे में इतना कुछ जुटा पाना बेहद ही मुश्किल था लेकिन उनकी सुरक्षा में तैनात एक सुरक्षाकर्मी ने उनके बारे में काफी सारी जानकारी जुटा ली।
किताब में लिखा गया है कि सद्दाम हुसैन एक मिट्टी के ढ़ेर पर उग आई घास को पानी देना काफी पसंद करते थे। सद्दाम उस घास की देखभाल कुछ इस तरह से करते थे जैसे उन्हें वो जान से भी प्यारा हो। कहा जाता है कि सद्दाम अपने भोजन के प्रति काफी संवेदनशील हुआ करते थे और वह अपना नाश्ता कई हिस्सों में किया करते थे। वे अपने नाश्ते में कई तरह की चीजें खाना पसंद करते थे। सद्दाम अपने नाश्ते में सबसे पहले आमलेट खाना पसंद करते थे जिसके बाद वह मफिन खाया करते थे उसके बाद सद्दाम को ताजे फलों को खाना काफी पसंद था। वही अगर उन्हें अपने नाश्ते में किसी भी प्रकार का चीजें जो उन्हें पसंद ना हो, वह उसे नहीं खाया करते थे। सद्दाम को अगर अपने नाश्ते में आई चीजें पसंद नही आई तो वह उसे खाने से मना कर दिया करते थे। हालांकि बताया जाता है कि उन्हें मिठाईयां खाने का खाना काफी पसंद था।
हमेशा रोब में रहने वाले सद्दाम हुसैन को सुरक्षाकर्मियों का साथ बेहद पसंद था इसलिए सुरक्षाकर्मी उनके काफी करीब आ गए थे। सुरक्षाकर्मियों को भी सद्दाम हुसैन के बारे में जानने में खासी दिलचस्पी होती थी। जब भी सुरक्षाकर्मियों को उनकी कहानी जाननी होती थी तब सद्दाम एक पिता के हैसियत से अपने साथ बीती कहानी सुरक्षाकर्मियों को सुनाते थे।
एक बार सद्दाम ने अपने बेटे उदय की एक गलती की कहनी सुरक्षाकर्मियों के साथ साझा की थी। सद्दाम हुसैन ने बताया उनके बेटे की गलती के कारण उन्हें काफी गुस्सा आ गया था। सद्दाम ने बताया की उनके बड़े बेटे ने एक दल पर गोलीबारी शुरू कर दी थी। ऊदय की गलती के कारण कई लोगों की जान चली गई थी जबकि कई अन्य लोग गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे। सद्दाम हुसैन का जन्म 28 अप्रैल 1937 में बगदाद में हुआ था। उनके पिता मजदूरी किया करते थे और उनकी मां ने अपने ही देवर से शादी कर ली थी। जिसके बाद सद्दाम की परवरिश करने के लिए उनके पिता को किसी और से शादी करनी पड़ी थी। वही तीन दशकों तक इराक पर अपना राज जमाने के बाद 69 साल में उन्हें फांसी की सजा सुना दी गई थी।
Pradeep Sharma