लखनऊ: योगी सरकार और उसकी कैबिनेट के चर्चे प्रदेश ही नहीं, देश में भी खूब होते हैं। हाल ही में कैबिनेट में कुछ नये चेहरों के शामिल होने के कयास लगाये जा रहे थे। लेकिन अब इस पर विराम लग गया है।
पंचायत चुनाव और बजट के चलते लिया गया निर्णय
इस विस्तार को स्थगित करने के पीछे दो बड़े कारण रहे हैं। पहला कारण आगामी पंचायत के चुनाव और दूसरा इस सरकार का आखिरी बजट सत्र है। इन दोनों की तिथि नजदीक आ चुकी है, ऐसे में कोई भी बड़ा बदलाव सही नहीं होगा।
18-20 फरवरी के बीच बजट सत्र
इस बार का बजट सत्र 18 फरवरी से 10 मार्च के बीच होना है, जिसकी तैयारी में सभी मंत्रीगण और प्रशासन लगा हुआ है। वहीं पंचायत चुनाव की तैयारी और रणनीतियों पर चर्चा 20 फरवरी से 28 फरवरी के बीच होनी है। इसमें भी कई मंत्री काफी व्यस्त हो जायेंगे, ऐसे में नया पदभार सौंपना समझदारी वाला निर्णय नहीं कहा जाएगा।
इस बार होना था दूसरा मंत्रीमंडल विस्तार
सरकार इस बार अपने दूसरे मंत्रीमंडल विस्तार की योजना में थी, लेकिन अब यह नहीं होगा। इस बार के विस्तार में 4-5 मंत्री अपने पद गंवाने की स्थिति में थे। वहीं कुछ नये चेहरे भी आस लगाये बैठे थे। सरकार 19 मार्च को अपने कार्यकाल के 4 वर्ष भी पूरे कर रही है। पर खबरों के अनुसार अभी अगला लक्ष्य बजट और पंचायत चुनाव ही है।
एके शर्मा के बीजेपी में आने से लगे थे कयास
अरविंद कुमार शर्मा जो कि पूर्व नौकरशाह रहे हैं, अब बीजेपी में शामिल हो गए हैं। वह उत्तर प्रदेश से विधान परिषद के सदस्य भी नियुक्त किए जा चुके हैं। उनके बीजेपी में आने के बाद से सरकार में भी आने की उम्मीद लगाई जा रही थी।
वैसे भी कई अन्य राज्यों के चुनाव में योगी स्टार प्रचारक रहेंगे, ऐसे में सरकार की मजबूती के लिए यह सोचा जा रहा था। कुछ इसे एके शर्मा के नौकरशाही वाले अनुभव से भी जोड़कर देख रहे थे। लेकिन अब इस तरह की सारी बातों पर विराम लग गया है।