जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटने के बाद और जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद घाटी में पथराव की घटनाओं में कमी आई है।
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटने के बाद और जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद घाटी में पथराव की घटनाओं में कमी आई है। अधिकारियों का कहना है कि पिछले साल संवैधानिक बदलाव किए जाने आंकड़ों से पता चलता है कि जिन अलगाववादी नेता कश्मीर में हड़ताल करने लिए कहते थे। वो अब निराश और हताश दिखाई दे रहे हैं। क्योंकि सरकार ने इन नेताओं के खाते सील कर और आंतकवाद से ने वाले पैसे तैयार की गई प्रॉपर्टी को कुर्क करने जैसे बड़े कदम उठाए हैं।
बता दें कि केंद्र सरकार ने पिछले साल धारा 370 को खत्म कर दिया था और जन्मू-कश्मीर को विशेष दर्जे से खारिज कर केंद्र शासित प्रदेश कर दिया था। साथ जम्मू-कश्मीर और लद्दख को अलग कर दिया था। सरकार के इन फैसलों के बाद अलगाववादी नताओं ने सिर्फ नाममात्र के लिए ही किसी बंद को अंजाम दिया।
अलगाववादी नेताओं के नजरबंद होने के बाद ये समुह अलग-धलग हो गए। सरकार ने जेकेएलएफ के यासीन मलिक को गिरफ्तार किया है। यासीन 1990 में हुई भारतीय सेना के कर्मियों की हत्या में आरोपी पाया गया था। जम्मू कश्मीर डेमोक्रेटिक फ्रीडम पार्टी के नेता शब्बीर शाह को भी गिरफ्तार किया गया है जो 2007 के धनशोधन के एक मामले में आरोपी है।
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5 अगस्त को काला दिवस मनाने की योजना
पांच अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से विशेष दर्जा खत्म किया गया था और जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था। विशेष राज्य का दर्जा समाप्त करने की पहली सालगिरह पर अलगवादी और पाकिस्तानी समुह काला दिवस के रूप में मनाने की योजना बना रहा है। इस तरह की जानकारी मिलने के बाद श्रीनगर में 4 और 5 अगस्त तक के लिए धारा 144 लागू कर दी गई है।
कोरोना के मरीज बढ़ने की वजह से कर्फ्यू बता दें कि इससे पहले सोमवार को राज्य में कोरोना के मरीज़ों की संख्या बढ़ने के कारण पूरी कश्मीर घाटी में लॉकडाउन लगा दिया गया है। श्रीनगर के जिला मजिस्ट्रेट शाहिद चौधरी के मुताबिक पुलिस के पास इस बात की जानकारी है कि अलगाववादी और पाकिस्तान परस्त गुट इन प्रदर्शनों की आड़ में हिंसा भी फैला सकते हैं।
इसलिए श्रीनगर में कर्फ्यू लगाने का फैसला किया गया है। वहीं पूरी घाटी में लॉकडाउन के दौरान जरूरी सेवाओं और आपातकालीन चिकित्सा सेवा को छोड़कर अन्य किसी भी तरह के आवागमन पर पाबंदी है। अधिकारियों ने ज्यादातर सड़क और बाजार सील कर दिए हैं और जनता के सहयोग की अपील की गई है।