जम्मू। कश्मीर में पत्थरबाजी की घटना कोई पहली बार नहीं हुई है अगर आप घाटी के इतिहास की ओर गौर फरमाएं तो बीते कई दिनों में ऐसी घटनाएं आपको दिखाई देंगी जिसकी मुख्य वजह एक तरह से वहां के युवाओं को रोजगार ना मिलना और लोगों की बातों में आकर पत्थरबाजी करना है। वहीं बुधवार को भी जम्मू के बडगाम जिले के चदूरा में सेना के आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ के दौरान कुछ लोगों ने सुरक्षाबलों पर पत्थरबाजी की और ये मामला काफी तूल पकड़ गया।
वहीं इस पूरे मामले पर बात करते हुए जम्मू-कश्मीर पुलिस के महानिशेक एसपी वैद्य ने कहा कि एनकाउंटर के दौरान ऐसा देखने को मिला के मुठभेड़ के बीच लोगों ने घटना वाले स्थान पर आकर पत्थरबाजी करनी शुरु कर दी। जिसके चलते तीन युवकों की भी मौत हो गई। उन्होंने आगे कहा कि गोली ये नहीं देखती है कि सामने कौन आ रहा है और किसो वो मारने जा रही है।
इसके साथ ही पुलिस महानिशेक ने राज्य के युवा लड़कों से अपील करते हुए कहा कि जब कभी भी एनकाउंटर हो तो अपने घर पर ही रहे ताकि सुरक्षाबलों को उनकी वजह से कोई दिक्कत ना हो। क्योंकि सेना आतंकियों पर हमला करने के किसी गाड़ी या घर के पीछे की आड़ लेते है। ऐसे में उनका बाहर निकला आत्महत्या करने जैसा है। हालांकि उन्होंने कहा कि सेना की पूरी कोशिश होती है कि स्थानीय लोगों से इससे कोई परेशानी ना हो।