बलरामपुर। एक ओर जहाँ लड़कियां हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं साथ ही महिलाओं को बराबरी का दर्जा देने तथा बेटी बचाओं की मुहीम चल रही है वहीं जनपद बलरामपुर में दिल दहला देने वाली एक घटना सामने आई है जहां पर सौतेली मां ने मां-बेटी के रिश्ते को शर्मसार किया है। घटना थाना महाराजगंज तराई के ग्राम लौकहवा से जुड़ा है जहां पर सौतेली मां ने छोटी-छोटी 3 मासूम बच्चियों के साथ इस तरह जुल्म ढ़ाया है कि सुनने वालों के रोंगटे खड़े हो जाएंगे। सौतेली मां ने बच्चियों को लोहे की रॉड को गर्म कर पिटाई की है तथा मोमबत्ती जलाकर पूरे शरीर में जगह-जगह जलाया है। इतना ही नहीं बच्चियों को भोजन भी समय से नहीं दिया जिसके चलते 5 वर्ष की मासूम बच्ची की भूख से तड़प कर मौत भी हो गई। महाराजगंज तराई थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर घायल बच्ची की इलाज जिला चिकित्सालय में करा रही हैं । अपर पुलिस अधीक्षक शैलेंद्र कुमार सिंह का कहना है की मामले में कड़ी कार्रवाई की जाएगी ।
वैसे तो एक तरफ मां शब्द अपने आप में बहुत पर्याप्त है, परंतु यदि इसी के साथ सौतेला दिया जाए तो शब्दों का अर्थ बदल जाता है। ऐसी ही घटना जनपद बलरामपुर के थाना महाराजगंज तराई क्षेत्र के ग्राम लोकहवा में सामने आई है। लोकहवा गांव में यासमीन नाम की एक महिला ने मां-बेटी के रिश्ते को कलंकित किया कर दिया। दरअसल लौकहवा निवासी कयूम की यासमीन दूसरी पत्नी है। कयूम के पहली पत्नी से 4 बच्चियां थी बड़ी लड़की गुलआफ़स 10 वर्ष उससे छोटी तरन्नुम 8 वर्ष उसे छोटी नाज 5 वर्ष तथा सबसे छोटी नाजिया 4 वर्ष की थी। यासमीन का पति कही बाहर रहता है और घर पर बच्चियों के साथ यासमीन रहती है जो बराबर बच्चियों के साथ सौतेला व्यवहार करते हुए प्रताड़ित करती रहती है। प्रताड़ना की हद तो तब पार हो गई जब उसने बीते कुछ दिनों से बच्चियों को भरपेट भोजन देना भी बंद कर दिया था।
जिसके चलते नाजिया की 21 जुलाई को भूख के करण मौत हो गई तथा बकी बच्चें भी भूख से तड़फ ने लगे हैं। भूख के कारण बच्चियां इधर-उधर भी लोगों के यहां मांगकर भोजन करने का प्रयास करने लगी जिससे नाराज होकर यासमीन ने तरन्नुम को गर्म लोहे के रॉड से मारा-पीटा उसी दिन शाम को गुलाफसा को मोमबत्ती जलाकर पूरे शरीर में जगह-जगह जख्म दिया। प्रताड़ना और ना सह पाने से बच्चियों ने भागकर अपने नाना के घर शरण ली जिसके बाद बच्चियों की नानी ने ग्राम प्रधान की सहायता से थाना महाराजगंज तराई में जाकर शिकायत की और फिर मामला थाने में आने के बाद पुलिस हरकत में आ गई तथा घायल बच्चों को इलाज के लिए जिला अस्पताल पहुंचाया। उधर मौका पाकर यासमीन घर से फरार हो गई। परदेश से बच्चों का पिता कयूम भी आया लेकिन वह भी घर ना आकर ससुराल चला गया। घटना के बाद से सभी बच्चियां काफी डरी-सहमी हुई हैं और उन्हें पुलिस व सरकार से मदद की जरुरत है। बच्चियां इस आस में हैं की शायद कोई मदद मिले और वे भी अपनी जिंदगी सम्मान व चैन से जी सकें। फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। अपर पुलिस अधीक्षक शैलेंद्र कुमार सिंह ने पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए यासमीन (सौतेली मां) के खिलाफ उचित धाराओं में मुकदमा पंजीकृत करने तथा आरोपियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने की बात कही है।