नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के द्वारा तीनों कानूनों पर रोक लगाने के बावजूद किसान आंदोलन खत्म करने के लिए राजी नहीं हैं। राकेश टिकैट ने कहा कि जब तक कानून वापसी नहीं तब तक घर वापसी नहीं। किसानों का आंदोलन अब सरकार के सिर का दर्द बन गया है। किसानों का आरोप है कि कोर्ट ने जो कमेटी गठित की है उस कमेटी में वही लोग शामिल है जो कानून के समर्थन में रह चुके हैं।
दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसान शाम पांच बजे नए कृषि कानूनों की प्रतियां जलाएंगे। बताया जा रहा है कि सिर्फ सिंघु बॉर्डर ही नहीं अन्य स्थानों पर नए कृषि कानूनों की प्रतियां जलाने का किसानों ने ऐलान किया है।
किसान नेता राकेश टिकैत की ओर से बयान दिया गया है कि उनका आंदोलन सरकार के खिलाफ है, हम कभी भी सुप्रीम कोर्ट के सामने नहीं गए। हम चाहते हैं कि कानूनों को वापस लिया जाए। सरकार को इस मामले में तुरंत संसद का सत्र बुलाना चाहिए और कानूनों को वापस लेना चाहिए। हम लगातार प्रधानमंत्री और सरकार से जवाब मांग रहे हैं।
बार काउंसिल ऑफ इंडिया की ओर से कहा गया है कि जिम्मेदार नागरिकों को अब किसानों से अपना आंदोलन खत्म करने की अपील करनी चाहिए। क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने कृषि कानूनों को लागू करने से रोक दिया है, ऐसे में सभी को अदालत का सम्मान करना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाने वालों पर भी बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने आपत्ति जताई और कहा कि इससे सिद्ध होता है कि कुछ राजनेता हमारी संस्थाओं को कमजोर करने में लगे हैं।