देहरादून। देवभूमि उत्तराखंड को पर्यटन के मानचित्र लाने का जो सपना पर्यटन सचिव आर.मीनाक्षी सुन्दरम और पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने देखा था वो पूरा होने वाला है। उत्तराखंड में बसे औली और गोरसों को अब सरकार शीतकालीन पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित करने जा रही है। सरकार की इस योजना में अब फ्रांस भी मदद करेगा। हाल में ही पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज और पर्यटन सचिव आर.मीनाक्षी सुन्दरम् ने फ्रांस का दौरा भी किया था। जिसके बाद चंद दिनों पहले फ्रांस के राजदूत ने औली का दौरा भी किया।
अब फ्रांस के सहयोग से सरकार इस दिशा में काम करने में जुटी है। सरकार की ओर बढ़ाए जा रहे कदमों को लेकर पर्यटन सचिव आर,मीनाक्षी सुन्दरम ने जानकारी देते हुए बताया कि फ्रांस की ओर से इस दिशा में आर्थिक और तकनीकि सहायता लने के प्रयास किए जा रहे हैं। शीतकालीन पर्यटन को बढ़ाने के लिए सरकार अब नई परियोजनाओं के लेकर सामने आई है। हम औली और गोरसों तक रोपवे के निर्माण की दिशा में फ्रांस से आर्थिक सहायता के साथ तकनीकि सहायता लेने के प्रयास में हैं। ये सरकार का कदम सूबे में आर्थिक सहायता के तौर पर बड़ा कदम साबित होगा। इसी कड़ी के तहत फेडरेशन ऑफ इंटरनेशनल स्कीईंग ने अने वाले वर्ष में औली में दो स्कीईंग की प्रतियोगिताओं के लिए हामी भी भरी है।
इन प्रतियोगिताओं से सूबे को विकसित करने के लिए और पर्यटन के मानचित्र में इसे लाने के प्रयासों को बड़ा बल मिलेगा। इस आयोजन को सरकार और विभाग बड़ी ही गम्भीरता से ले रहा है। इसके लिए स्नो मेकिंग मशीन को दुरुस्त करने के साथ स्की लिफ्ट के सही करने का काम किया जा रहा है। इसके साथ ही अन्य तकनीकि प्रयास के लिए इस आयोजन को सफल बनाने की कोशिश की जा रही है। इसके साथ ही औली और गोरसों को दीर्घकालीन पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित करने की योजना है। इस क्षेत्र में स्नो मेकिंग मशीन को स्थापित करने वाली इटली की कंपनी को अब फ्रांस की कंपनी ने अधिग्रहीत कर लिया है। अब यहां पर सभी तकनीकि के काम फ्रांस की मदद से पूरे किए जा रहे हैं।
इसके साथ ही उन्होने बताया कि सूबे में दूसरे धार्मिक स्थलों जैसे केदारनाथ, यमुनोत्री, हेमकुंड साहिब में रोपवे बनाने के लिए नए सिरे से टेंडर आमंत्रित करने इस दिशा में काम शुरू करने की कवायद की जा रही है। इसके साथ ही पूर्णागिरी और सुरकांड में रोपवे का काम शुरू होने जा रहा है। इसके साथ ही सरकार बदरीनाथ में केन्द्र सरकार से स्वदेश योजना और प्रसाद योजना के तहत मदद प्राप्त कर इस विकसित किया जा रहा है। इसके साथ ही सूबे में महाभारत कालीन स्थलों को चिन्हित कर महाभारत सर्किट को विकसित करने का प्लान भी है।