नई दिल्ली: भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद के जेल से रिहा होने के बाद पहले ही सुर्खियों का बाजार गर्म है। वहीं इस बीच चन्द्रशेखर द्वारा किए गए खुलासे ने हलचल मचा दी है। रावण का कहना है कि उसे बीजेपी से चुनाव लड़ने का प्रस्ताव मिला था।
उन्होंने कहा कि बीजेपी की तरफ से उन्हें कैराना उपचुनाव में पेशकश की गई थी कि वह चुनाव लड़ें तो उन पर लगी रासुका हटा दी जाएगी। यब पूछने पर कि कैराना चुनाव के समय आप चुप क्यों रहे? इस पर उन्होंने कहा कि हमारी बुआ (मायावती) चुप थी, इसलिए हम भी चुप थे। हम गठबंधन को मजबूत करेंगे और सभी को एकजुट करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट के डर से समय से पहले कराई गई रिहाई
रावण ने कहा कि बीजेपी ने सुप्रीम कोर्ट के डर से उनकी समय से पहले रिहाई कराई है। बीजेपी समय से पहले इस रिहाई पर हमदर्दी बटोरने का जो काम कर रही है वह सिर्फ ढकोसला है। गौरतलब है कि पिछले वर्ष 9 मई को रामनगर व शहर में भीषण हिंसा का तांडव हुआ था। शब्बीरपुर प्रकरण को लेकर राजपूत और दलितों के भिड़ने की यह परिणति सामने आई थी। इसमें भीम आर्मी संस्थापक चंद्रशेखर उर्फ रावण सहित कइयों पर संगीन धाराओं में मुकद्दमे दर्ज किए गए थे।
रासुका का केस लगा था
वहीं रावण, शब्बीरपुर के प्रधान शिव कुमार व सोनू पर रासुका भी लगा दी गई थी। बाद में राजपूत पक्ष के कुछ लोगों पर भी रासुका लगी थी, जिसे निरस्त कर दिया गया था। 6 जून को रावण की गिरफ्तारी डल्हौजी से की गई थी। 1 नवंबर को इन पर रासुका तामील कराई गई। इसके खिलाफ भीम आर्मी और परिजन हाईकोर्ट गए। मगर हाईकोर्ट ने भी अर्जी निरस्त कर दी। रासुका का समय पूरा होने से पहले दोबारा रासुका तामील करा दी गई। इससे एक बार फिर इनकी रिहाई का रास्ता बंद हो गया था।