देहरादून। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के न्यू इंडिया मन्थन संकल्प से सिद्धि को लेकर अब देवभूमि उत्तराखंड का कृषि विभाग के साथ पशुपालन विभाग भी किसानों की आय को दोगुना करना को लेकर काफी सजग और कार्यान्वित होता दिखाई दे रहा है। आने वाली 4 मई को सूबे की राजधानी देहरादून के परेड ग्राउंड में कृषि विभाग द्वारा राज्य स्तरीय कृषि गोष्ठी एवं फर्म मशीनरी बैंक मेले का आयोजन इसी उद्देश्य से किया गया है।
मेले में कृषि एवं रेखीय विभागों द्वारा कृषि से जुड़ी संस्थाओं आदि की ओर से गोष्ठी व नवीन तकनीकियों के प्रचार प्रसार हेतु स्टॉल लगाये जायेंगे। मेले को लेकर कृषि विभाग के साथ पशुपालन विभाग भी अपनी सक्रिय भूमिका अदा करने की तैयारी कर चुका है।
पशुपालन विभाग की लगेंगी स्टॉल
कार्यक्रम को लेकर हो चुकी तैयारियों का जायजा और कार्यक्रम में किसानों के लिए क्या विभाग लेकर आने वाला है जानने के लिए भारत खबर की टीम ने सचिव पशुपालन आर मिनाक्षी सुन्दरम् जी से मुलाकात की। उन्होने विस्तार से किसानों को लेकर बनाई गई कई योजनाओं और कृषि मेले को लेकर की जा रही तैयारियों पर चर्चा की।
उन्होने जानकारी देते हुए बताया कि इस मेले को लेकर कृषि सचिव से हुई वार्ता के बाद हमने तय किया है, कि किसानों के लिए विभाग द्वारा चलाई गई महत्वपूर्ण योजनाओं से जुड़े स्टॉल वहां लगाए जाएंगे। जिनमें हमारे द्वारा किसानों और इससे जुड़े पशुपालन उद्योग को लेकर किसान किस तरह से आय अर्जित कर सकते हैं । इसकी जानकारी भी दी जाएगी।
कई प्रोजेक्टों को लेकर पशुपालन विभाग ने की है पहल
इसके साथ ही हमारे द्वारा भेड़ और बकरियों के सन्दर्भ में भी पशुपालन विभाग राष्ट्रीय सहकारी विकास परिषद के तहत प्रदेश में आने वाले प्रोजेक्ट में इसे जोड़ा है। इसके तहत किसानों को 50 बकरियां और दो बकरे दिए जाएंगे । जिसके वो पालेंगे विभाग द्वारा गढ़वाल और कुमाऊं मण्डल में दो स्लाटर हाऊस तैयार किए जाएंगे । पालने के समय ही विभाग द्वारा इनके प्रजनन से लेकर वृद्धि तक हाईजिन मीट के लिए इनको उपलब्ध कराया जाएगा। जिससे किसानों को भेड़ और बकरी पालन में बेहतर आय प्राप्त हो सकेगी।
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इसके अलावा पुशपालन विभाग में डेयरी को लेकर कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। जिसमें यहां पर पहाड़ पर पाई जाने वाली बद्री गाय को लेकर हमने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। जैसे इसकी नस्ल सुधारने और दूध उत्पादन की क्षमता बढ़ाने को लेकर विभाग द्वारा कई तरह से उन्नत नस्लों के जरिए ब्रीड़िंग का काम किया जा रहा है। अभी हम लगातार इनके दूध उत्पादन की क्षमता को देख रहे हैं। यह प्रयोग तकरीबन 1000 गायों पर किया जा रहा है। इसको लेकर भी किसानों में इसके पालने और इसके दूध के उपयोग और बिक्री को लेकर भी बताया जाएगा।