लखनऊ: राजधानी लखनऊ में राज्य निर्वाचन आयोग ने विभिन्न जिलों के जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षक के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की है।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उन्होंने डीएम और एसपी को ये निर्देश दिया है कि वो पंचायत चुनावों में मतदान केंद्रों का स्वयं निरीक्षण करेंगे।
डीएम और एसपी को सौंपी जिम्मेदारी
राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज सिंह ने अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि अगर कहीं मतदान केंद्र पर मतदाताओं की कमी पाई जाएगी तो उसकी लिए जिलाधिकारी स्वयं जिम्मेदार होंगे। उन्होंने कहा कि जिलों की तरफ से आ रही शिकायतों का 24 घंटे में निस्तारण किया जाए।
‘पंचायत चुनाव में न हो अप्रिय घटना’
मनोज सिंह ने कहा कि पंचायत चुनावों में किसी भी प्रकार की कोई अप्रिय घटना होगी तो उसके लिए संबंधित अधिकारी पर एक्शन लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही पंचायत चुनावों में हुए सभी नामांकन की वीडियोग्राफी करवाई जाएगी।
उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कहा कि संवेदनशील मतदान केंद्रों के लिए विशेष सुरक्षा के इंतजाम करने चाहिए।
उन्होंने कहा कि इस बार बोर्ड परीक्षा को ध्यान में रखकर ही मतगणना केंद्र बनाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि छात्रों को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो, इसका विशेष ध्यान रखा जाए।
मार्च के अंत तक हो सकती है चुनावों की घोषणा
गौरतलब है कि पंचायती राज विभाग ने पंचायत चुनाव से जुड़ी आरक्षण की सूची जारी कर दी है। आरक्षण के लिए 2015 के चुनाव को आधार बनाया गया है। बताया जा रहा है कि मार्च के अंत में चुनाव आयोग पंचायत चुनावों की घोषणा कर सकता है।
विदित हो कि यूपी के सभी 75 जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष के पद हैं। यहां कुल 826 ब्लॉक हैं, पंचायत चुनाव में ब्लॉक प्रमुखों का ही चुनाव किया जाना है।