नई दिल्ली। राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियां शुरु हो गई हैं। बता दे कि कांग्रेस में टिकट को लेकर भी कवायद शुरू हो चुकी है। 6 माह बाद होने वाले राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की ओर से किस विधानसभा क्षेत्र में किस नेता को टिकट दिया जाएगा इसका फैसला दिल्ली नहीं बल्कि बल्कि जयपुर में प्रदेश नेतृत्व तय करेगा।
सामूहिक रुप से चयन
बता दें, कि सामूहिक रुप से प्रदेश के नेता प्रत्याशी का चयन करेंगे। प्रत्याशी चयन में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की भूमिका महत्वपूर्ण रहेगी। आपको बता दें कि पंजाब और गुजरात में सफल प्रयोग के बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व ने कर्नाटक में भी यही फार्मूला लागू किया था। कर्नाटक में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और मुख्यमंत्री को टिकट तय करने का दायित्व दिया गया था। राजस्थान में भी अब यही फार्मूला लागू किया जाएगा।
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पायलट और गहलोत की मर्जी से टिकट
राजस्थान से कांग्रेस के एक राष्ट्रीय महासचिव ने अपना नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि पार्टी नेतृत्व ने सचिन पायलट को अधिक महत्व देने का मन बनाया है, लेकिन दो बार मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रहते हुए गहलोत को पूरे प्रदेश की नब्ज की जानकारी होने के कारण उनके सुझावों को भी प्राथमिकता दी जाएगी।
सूत्रों के अनुसार प्रदेश में सचिन पायलट और गहलोत की मर्जी से टिकट तय होंगे। लेकिन उदयपुर संभाग में कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव डॉ.सी.पी.जोशी और अलवर जिले में पूर्व केन्द्रीय मंत्री भंवर जितेन्द्र सिंह के सुझावों को महत्व दिया जाएगा। भंवर जितेन्द्र सिंह कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के काफी निकट माने जाते है। प्रदेश में इस बार सभी 200 सीटों पर चुनाव लड़ने को लेकर सचिन पायलट ने प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं के साथ मिलकर कार्य योजना तय कर ली है। इस बार एक-एक टिकट पर मंथन होगा।