पूरी दुनिया को कोरोना नाम की महामारी में उलझाकर दूसरे देशों की सीमाएं में घुसपैठ करने वाले चीन को अमेरिका ने बुरी तरह से घेर लिया है। जिसकी वजह से अब चीन बुरी तरह से तिलमिला गया है।
आपको बता दें, साउथ चाइना सी पर दुनिया के सबसे बड़े नौसेनिक अमेरिकी बेड़े ने एक प्रयोग किया है, जो चीन के लिए एक वॉर्निंग साइन से कम नहीं है।
आपको बता दें, अमेरिकी नेवी की ओर से एक वीडियो जारी किया गया है। जिसमें जंगी जहाज पर तैनात लेजर गन से हमला किया जाता है और हवा में उड़ रहे एक ड्रोन पर सटीक निशाना लगाकर उसे गिरा दिया जाता है।
अमेरिका की पैसिफिक फ्लीट ने इसका परीक्षण चीन से कुछ हजार किलोमीटर पर प्रशांत महासागर में किया और दुनिया को बता दिया कि अमेरिका के पास वो हथियार है, जिसमें उसे करोड़ों नहीं खर्च करने होंगे बल्कि महज 1 डॉलर खर्च कर के वो किसी भी एयरक्राफ़्ट को हवा में ही नष्ट कर सकता है।
अमेरिका का ये परीक्षण सीधेतौर पर चीन के लिए एक चेतावनी है।क्योंकि साउथ चाइन सी एशिया का इकलौता ऐसा हिस्सा है जिस पर बड़े-बड़े देश अपनी शक्ति का परीक्षण करते हैं और अपनी ताकत का एहसास कराते हैं।
ऐसे में अमेरिका का ये परीक्षण वाकई में चीन के लिए खतरे की घंटी है।
आपको बता दे, अमेरिकी नौसेना का ये हाई-एनर्जी लेजर हथियार दुनिया में अब तक देखा गया अपनी तरह का एकलौता हथिया है जो छोटे से छोटे निशाने को भी भेद सकता है, चाहे वो समंदर में हो या फिर वो हवा में हो।
कोरोना के बीच 16 मई को इसका परीक्षण किया गया, टाइमिंग और जगह के मुताबिक अमेरिका का ये टेस्ट चीन को दबाव में लेने के लिए है, जो ज़ाहिर करता है कि अमेरिका चीन को सबक सिखाने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है।
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आपको बता दें चीन की तरफ से लगातार एशिया के दूसरे देशों को दवाबे की कोशिश की जा रही है।
तभी को कभी चीन नेपाल में स्थित माउंट एवरेस्ट को अपना कहने का दावा करता हा तो कभी जबरदस्ती लद्दाख में घुसने की कोशिश करता है।
लेकिन अमेरिका के इस परीक्षण ने चीन को उसकी हदों में रहने की हिदायत दे दी है।