लखनऊ: कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा उत्तर प्रदेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। इंडियन पब्लिक सर्विस इंप्लाइज फेडरेशन ऑल इंडिया के आवाहन पर प्रदेश भर के कर्मचारियों ने पत्र भेजकर प्रधानमंत्री से अपनी पीड़ा कही।
फेडरेशन के पत्र में लिखा गया कि, कोरोना महामारी में कर्मचारियों ने जान की बाजी लगाकर जनता की सेवा की और करते रहेंगे। मगर, कर्मचारी समाज की जो मांगे हैं, उनके लिए आदेश तो जारी हो जाते हैं लेकिन उनका क्रियान्वयन समय से नहीं होता है, जिसका उन्हें दुख है। उन्होंने कहा कि, इससे कर्मचारियों को सेवा संबंधी एवं आर्थिक नुकसान के साथ-साथ बहुत सी परेशानियां आती हैं।
समस्याओं पर पीएम से निर्णय लेने की अपील
पत्र में प्रधानमंत्री से अपील करते हुए कहा गया है कि, पूरे देश के कर्मचारियों को आपसे उम्मीद है कि आप खुद इस समस्या पर ध्यान देकर सार्थक निर्णय लेंगे। आप अपने निर्णय से देश एवं प्रदेश के कर्मचारियों का मनोबल बढ़ाएंगे।
कर्मचारियों की मुख्य मांगें
- देश के जिन राज्यों में अभी तक महंगाई भत्ते के भुगतान पर लगी रोक हटाई नहीं गई है, तत्काल बहाल कर सभी प्रदेशों में महंगाई भत्ते के एरियर का भी भुगतान किया जाए।
- यूपी के स्थानीय निकाय कर्मचारियों की सेवा संबंधी एवं अन्य समस्याओं का समय रहते समाधान कराया जाए।
- ‘एक देश, एक वेतन’ देने पर विचार करके निर्णय लिया जाए, जिससे वेतन आदि की असमानता समाप्त हो जाए।
- कोरोना वायरस में लगे कर्मचारियों की मृत्यु पर 50 हजार रुपए की अनुग्रह राशि आश्रित परिवार के बैंक खाते में भेजी जाए, क्योंकि बीमा कंपनी द्वारा ताल-मटोल किया जा रहा है। साथ ही मृतक आश्रित की नियुक्ति उनकी शैक्षिक योग्यता के अनुसार, पारिवारिक पेंशन एवं सभी देयों का भुगतान तत्काल सुनिश्चित कराया जाए।
- रिक्त पदों पर भर्ती एवं पदोन्नति एक माह के अंदर किए जाने और नियुक्तियों में संविदा/आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को प्राथमिकता दी जाए।
- जून माह में सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को 1 जुलाई को लगने वाले वार्षिक वृद्धि को जोड़कर पेंशन निर्धारित की जाए।
- एनपीएस को समाप्त कर पुरानी पेंशन को बाहर किया जाए।
- निजीकरण ठेकेदारी प्रथा पर रोक लगाई जाए एवं सभी विभागों में स्थाई सृजित पदों पर नियमित नियुक्ति की जाए। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती भी बहाल की जाए।