वाशिंगटन।अमेरिका ने दोहराया है कि अफगानिस्तान में शांति दो दक्षिण एशियाई परमाणु संपन्न पड़ोसी देशों भारत और पाकिस्तान के हित में है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के उप प्रवक्ता मार्क टोनर ने गुरुवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, सालों की लड़ाइयों से उबरने के बाद एक स्थिर और सुरक्षित अफगानिस्तान भारत और पाकिस्तान दोनों के हित में है। उन्होंने यह जवाब पाकिस्तानी प्रतिनिधियों के एक समूह को दिया है, जो यह संदेश देने गए थे कि जब तक अमेरिका कश्मीर मुद्दे का हल निकालने में मदद नहीं करता तब तक पाकिस्तान अफगानिस्तान में शांति कायम नहीं होने देगा।
उन्होंने कहा कि अमेरिका दोनों देशों को इन मुद्दों को सुलझाने के लिए मैत्रीपूर्ण दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रोत्साहित करेगा। गौरतलब है कि 18 सितंबर को उड़ी हमले में 19 भारतीय जवानों के शहीद होने और पिछले महीने भारत द्वारा सर्जिकल कार्रवाई किए जाने से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद को जिम्मेदार ठहराया है। साल 2013 में न्यूयॉर्क में हुई संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक के मद्देनजर सितंबर में भारत में अमेरिका और अफगानिस्तान ने पहली बार त्रिपक्षीय बैठक का आयोजन किया। अमेरिका और अफगानिस्तान ने युद्धग्रस्त दक्षिण एशियाई देश के विकास में योगदान देने के लिए भारत की भूमिका की सराहना की।
काबुल नदी पर बनेगा बांध:-
वहीं शुक्रवार को ऐसी खबरें आ रहीं हैं कि अब भारत आफगानिस्तान के साथ मिलकर काबुल नदी पर बांध बनाकर पाकिस्तान का पानी रोकने को लेकर विचार कर रहा है। इस प्रोजेक्ट के चलते एक ओर जहां पाकिस्तान को सीधे तौर पर काबुल नदी का पानी नहीं मिलेगा साथ ही इस नदी का पानी स्थानीय सिंचाई और बिजली पैदा करने के लिए किया जाएगा।
सूत्रों की माने तो दोनों देश चिनाब नदी की तर्ज पर इस प्रोजेक्ट को मुमकिन बनाने की कोशिश कर रहें हैं। वहीं ये भी पता चला है कि भारत की इस नदी में दिलचस्पी इसलिए ज्यादा है क्योंकि इसकी विशेषताएं ज्यादातर कश्मीर की चेनाब नदी से मिलती जुलती है।
गौरतलब है कि उरी आतंकी हमले के बाद भारत ने सख्त कदम उठाते हुए पाकिस्तान को सिंधु जल संधि खत्म करने की चेतावनी दी थी जिसके बाद पाकिस्तान से लगातार बयानबाजी करते हुए कहा गया कि भारत इस समझौते एकपक्षीय रूप से रद्द या उसमें बदलाव नहीं कर सकता।