कोलंबो। पीएम मोदी का श्रीलंका दौरे का शुक्रवार(12-05-17) को दूसरा दिन है। मोदी के दौरे का असर अभी से दोनों दोनों देशों की बीच गहरी दोस्ती के संकेत दे रहे हैं। दरअसल श्रीलंका ने कोलंबो में पनडुब्बी खड़ी करने की चीन की गुजारिश को ठुकरा दिया है। श्रीलंका के वरिष्ठ रक्षा अधिकारी ने इस पूरे मामले में जानकारी देते हुए बताया कि चीन में कोलंबो में 14 और 15 मई को पनडुब्बी खड़ी करने की इजाजत मांगी थी, जिसे सरकार की ओर से मना कर दिया गया है।
भारत जता चुका है विरोध
बता दें कि चीनी पनडुब्बी के श्रीलंकाई क्षेत्र में खड़े होने का पहले ही ऐतराज जता चुका है। साल 2014 में भारत ने इसका कड़ा विरोध किया था। सूत्रों के हवाले से मिल रही जानकारी के मुताबिक श्रीलंका ने पन्नडुब्बी के खड़ा होने की पेशकश को भविष्य तक के लिए मना कर दिया है।
श्रीलंका की ओर से इनकार किए जाने का यह कदम उस वक्त उठाया गया है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी श्रीलंका के दौरे पर है। बता दें कि चीन ने हालिया वर्षों में श्रीलंका में हवाईअड्डे, सड़कें, रेलवे और बंदरगाह के निर्माण के लिए काफी निवेश किया है। चीन के इस कदम के पीछे का मकसद भारत के लिए (आर्थिक अस्थिरता पैदा करना है, जो पारंपरिक रूप से श्रीलंका का आर्थिक साझेदार रहा है। भारत अपने इस पड़ोसी देश में बढ़ते चीनी प्रभाव को लेकर श्रीलंका को अपनी चिंताओं से अवगत कराता रहा है।
कोलंबो में 70 प्रतिशत जहाजों की आवाजाही भारत से होती है। वहीं श्रीलंका घाटे में चल रहे अपने हमबनटोटा बंदरगाह को चीन को 99 साल के लिए किराए पर देने की योजना पर अंतिम फैसला लेने जा रहा है, हालांकि ट्रेड यूनियनों के विरोध की वजह से डील में देरी हो रही है।