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श्री कृष्णा का निधिवन रहस्य, हजारो सालो से वैसा ही ।

nidhivan 1 श्री कृष्णा का निधिवन रहस्य, हजारो सालो से वैसा ही ।

आज पूरे देशभर में भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव जन्माष्टमी के रूप में मनाया जा रहा है। घर से लेकर बाहर तब भगवान श्री कृष्ण के मंदिर सजे हुए हैं। अब हर किसी को इंतजार है तो नंन्हे बाल गोपाला के पैदा होने का..इस बीच भगवान कृष्ण की लीलाओं का हर तरफ बखान चल रहा है। ऐसे में निधि वन का जिक्र न हो ऐसा तो हो ही नहीं सकता है। निधिवन भगवान श्री कृष्ण की नगरी मुथुरा में मौजूद है। निधिवन में कई ऐसे रहस्य छिपे हैं। जिन्हें देखने और जानने के लिए दुनियाभर से कृष्ण भक्त मथुरा की गलियों में निकल पड़ते हैं।

nidhivan 2 श्री कृष्णा का निधिवन रहस्य, हजारो सालो से वैसा ही ।
कहा जाता है कि, निधिवन में भगवान श्रीकृष्ण और राधा अद्र्धरात्रि के बाद रास रचाते हैं। इस वन में एक महल भी जिसे रंग महल कहा जाता है। रंग महल में आज भी माखन और मिश्री रखने की परंपरा है। आपको जानकर हैरानी होगी कि, रंग महल में एक शयन कक्ष भी है। इस शयन कक्ष को तैयार किया जाता है। लेकिन सुबह शयन कक्ष को देखकर लगता है कि रात्रि में इस स्थान पर कोई आया था। जो प्रसाद रखा जाता है उसे भी ग्रहण किया जाता है। इसके पीछे क्या रहस्य है इसे आज तक कोई नहीं जान पाया है।

रास के बाद श्रीराम और श्रीकृष्ण परिवार के ही रंग महल में विश्राम करते हैं। सुबह 5:30 बजे रंग महल का पट खुलने पर उनके लिए रखी दातून गीली मिलती है और सामान बिखरा हुआ मिलता है जैसे कि रात को कोई पलंग पर विश्राम करके गया होनिधिवन करीब ढ़ाई एकड़ में फैला हुआ है। यहां के वृक्ष भी दूसरे वृक्षों से अलग हैं। वन में स्थित किसी भी पेड का तना सीधा नहीं है. वहीं हर पेड की डाली आपस में गुंथी हुई हैं।

मान्यता है कि द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण ने शरद पूर्णिमा की रात में गोपियों के साथ रासलीला की थी। पर निधिवन को लेकर ऐसा कहा जाता है कि श्रीकृष्ण यहां रोज रात को गोपियों के साथ रासलीला करते हैं। शरद पूर्णिमा की रात यहां प्रवेश पूरी तरह से वर्जित रहता है। दिन में श्रद्धालुओं के आमे पर कोई रोक नहीं है पर शाम होते ही निधिवन खाली करवा लिया जाता है।निधिवन में तुलसी के पेड़ हैं। यहां तुलसी का हर पौधा जोड़े में है। ऐसी मान्यता है कि जब श्रीकृष्ण और राधा रासलीला करते हैं तो ये तुलसी के पौधे गोपियां बन जाती हैं और प्रात: होने पर तुलसी के पौधे में परिवर्तित हो जाते हैं।

निधि वन की सबसे चौंकाने वाली बात ये हैं कि, वन के नजदीक बने घरों में वन की तरफ खिड़कियां नहीं बनाते। स्थानीय लोगों का मानना है कि शाम के बाद कोई इस वन की तरफ नहीं देखता। जिन लोगों ने देखने का प्रयास किया वे अंधे हो गए या फिर पागल हो गए। शाम सात बजे मंदिर की आरती का घंटा बजते ही लोग खिड़कियां बंद कर लेते हैं। निधि वन को लेकर ऐसी भी मान्यता है कि जो कोई भी यहां से किसी वृक्ष के पत्ते को लेकर गया है उसके साथ कुछ ना कुछ अहित होता है।

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इसके साथ ही निधिवन में आपको जो सबसे ज्यादा हैरान करेगा वो ये है कि, दिनभर यहाँ बंदरों की उछल-कूद देखी जा सकती है। लेकिन यह बात हैरान करती है कि शाम होते ही बंदर यहां से कुदरती चले जाते है। उसके बाद बिल्कुल भी नजर नहीं आते। निधिवन से जुड़े हुए ये रहस्य आज दिन तक कोई नहीं जान सका है। यही कारण है कि, आज भी लगो पूरे विश्वास के साथ भगवान श्री कृष्ण की नगरी में उनसे जुड़े हुए रहस्यों को जानने के लिए आते हैं।

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