कान्हा की नगरी मथुरा की तरफ देश और दुनिया के लोग भगवान कृष्ण की भक्ति में लीन होकर दौड़े चले आते हैं। भगवान कृष्ण को चाहने वाले देश ही नहीं दुनियाभर में बसे हुए हैं। तभी तो उन्हें जब भी मौका मिलता है वो बांके बिहारी के दर्शन करने निकल पड़ते हैं।लेकिन इस बार कोरोना वायरस के तेजी से बढ़ रहे मामलों के मद्देनजर वृन्दावन के विश्वप्रसिद्ध ठाकुर बांके बिहारी मंदिर एवं सप्तदेवालयों सहित सभी प्रमुख मंदिरों को 31 जुलाई तक श्रद्धालुओं के लिए बंद रखने का फैसला किया गया है। जिसकी वजह से भक्तगण ठाकुर जी के दर्शन नहीं कर पा रहे हैं। और इसका उन्हें बेहद दुख भी है।
इस बीच सभी मंदिरों में ठाकुरजी की सेवा-पूजा का कार्य वहां के प्रबंधकों एवं सेवायतों की उपस्थिति में पूर्ववत जारी है। पहले की तरह पंडित जनों के द्वारा भगवान कृष्ण की पूजा अर्चना की जा रही है।यही कारण है कि, गुरू पुर्णिमा के दिन भी आज मथुरा की गलिया भक्तों के बिना सुनी दिखाई दीं। आज के दिन यानि की गुरू पुर्णिमा के दिन भगवान कृष्ण के चाहने वालों की सबसे ज्यादा भीड़ देखने को मिलती है। बांके बिहारी मंदिर में श्र्धालुओं की इतनी भीड़ होती है कि, यूपी के शासन को प्रशासन के पसीनें छूट जाते हैं।
लेकिन इस बार कोरोना के चलते कान्हा के चहने वाले श्री बांके बिहारी के दर्शन नहीं कर सके। लेकिन श्री बांके बिहारी जी की पूजा मंदिर के पंडितों के द्वारा पारंपरिक तौर पर की गई। आज के दिन श्री बांके बिहारी जी का विशेष श्रृंगार किया जाता है।
जिसे देखने के लिए भगवा कृष्ण के भक्त हर साल गुरू पूर्णिमा के दिन दूर-दूर से आते हैं। और भगवान कृष्ण की भक्ति में लान हो जाते हैं।
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इतिहास में शायद ऐसा पहली बार हुआ है। जब गुरू पुर्णिमा के दिन भगवान कृष्ण का दरबार भक्तों से खाली दिखा।