देहरादून। बीटल्स को लेकर वन विभाग और पर्यटन का संयुक्त प्रयास ऋषिकेश में बीटल्स को प्रमोट करने की क़वायद शुरू कर रहा है। पर्यटन विभाग चारधाम यात्रा को लेकर भी मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि इस यात्रा को दुनियाँ में दिखाने के लिए हम आध्यात्मिक सर्किट बना रहे हैं क्योंकि हमारी ये यात्रा ३००० हज़ार साल पहले पांडवों ने शुरू की थी। इसलिए ये यात्रा सर्किट विश्व की सबसे प्राचीन यात्रा और धरोहर है इस यात्रा के लिए हम पुरानी चट्टियों के साथ पथ मार्ग को विकसित करेंगे इसके तहत हम उत्तराखंड के ग्रामीण पर्यटन को विकसित करेंगे। इसके साथ ही उन पथ मार्गों पर यात्रियों की सुविधा के साथ वहाँ गेस्ट हाउस का सौन्दर्यीकरण होगा।

बता दें कि भारत खबर के रिपोर्टर अजस्र पीयूष शुक्ल ने सतपाल महाराज से पर्यटन और सर्किट से जुड़े सवालों पर चर्चा की। उन्होंने सतपाल महाराज से सवाल किया कि सर्किट को लेकर आपकी क्या योजना है। जिसपर उन्होंने कहा कि ये सर्किट हमारा पैदल सर्किट है। जो पैदल चलने वाले यात्रियों के लिए है। दुनिया में जहां जेट चलते हैं और जहां बड़े-बड़े हाई वे हैं वहां भी लोग पैदल चलते हैं। जंगलो में भी लोग ट्रेकिंग करने जाते हैं। ट्रेकिंग के अंदर जो उपासन है। जो हैल्थ की वजह से क्षेत्रों को देखने के लिए ट्रेकिंग को महत्व देते हैं। इसी के लिए चार धाम रूट को रिवाल्वर करने के लिए कदम उठाया गया है। जिसमें एक लाख एक का इनाम दिया जाएगा और ये इनाम उनको दिया जाएगा जिसकी जानकारी अच्छी होगी और प्रदर्शन अच्छा होगा। इसके अलावा भी इनाम की राशि 51 हजार और 21 हजार है।
वहीं उसके बाद सतपाल महाराज से सवाल किया गया कि फिकी के समय में सीमानत गांव को लेकर जो बात कही गई थी कि जो सीमानत गांव है जो चाइना और भारत के बॉर्डर पर हैं और 1962 में वहां से लोगों ने जो पलायन किया था उनको भी टूरिज्म के तौर पर डेवलप्ड किया जाएगा उसको लेकर क्या योजना है। इस पर सतपाल महाराज का कहना है कि जो लोग इनर लाइन परमिट पर फंसे हुए हैं अभी वहां आर्मी तैयार नहीं है। वहां केवल अभी तीन गांव खोले गए हैं। जिसमें मुखबा, बगोली और हर्शुल शामिल है। यहा तक टूरिज्म बढ़ा है और आगे भी इसे बढ़ाने की कोशिश जारी है। महाभारत सर्किट पर पूछे गए सवाल को लेकर सतपाल महाराज का कहना है कि उसका प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जा चुका है। ये प्रस्ताव लगभग 100 करोड़ का है।