लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव का आज 79वां जन्मदिन है। अपने जन्मदिन के उपल्क्ष्य में उन्होंने अयोध्या कांड को एक बार फिर याद किया, जोकि उनके गले की ठीस बन चुका है। मुलायम ने कहा कि अगर हम अयोध्या में मस्जिद नहीं बचाते तो ठीक नहीं होता, क्योंकि उस दौर में कई नौजवानों ने हथियार उठा लिया था। मुलायम ने अखिलेश यादव समेत पार्टी के सभी नेताओं को नसीहत देते हुए कहा कि सपा को आज भी मुसलमानों का उतना ही समर्थन हासिल है,जितना की पहले थे, मुसलमानों ने सपा का साथ नहीं छोड़ा है, बल्कि पार्टी के नेता उनका वोट नहीं डलवा सके। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में जितने भी मुसलमानों ने वोट दिया उसमें से 90 फीसदी ने साईकिल का ही बटन दबाया था।
सपा के कार्यकर्ताओं को नसीहत देते हुए उन्होंने कहा कि हमारा जन्मदिन मनाना तब सफल होगा,जब संकल्प करके जाना कि जहां पर जो भी व्यक्ति अभाव में होगा उसकी मदद करोगे। इसी के साथ उन्होंने राम मनोहर लोहिया कि सभी सात क्रांतियों का अनुसरण करने का फॉर्मुला पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं को दिया। अयोध्या विवाद को लेकर उन्होंने कहा कि साल 1990 में अपने मुख्यमंत्री काल में मैंने देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए मैने कारसेवकों पर गोलियां चलवाई थी, जिसमें 28 लोगों की मौत हो गई थी। मुलायम ने कहा कि अगर हम मस्जिद नहीं बचाते तो उस दौर के कई मुसलमान नौजवानों ने हाथों में हथियार उठा लिया होता।
मुलायम ने कहा कि कारसेवकों पर गोली चलवाने के बावजूद हमने उस समय चुनाव में 105 सीटें जीती थी और सरकार बनाई थी, जबकि पिछले विधानसभा चुनाव में सपा को सिर्फ 47 सीटें मिली, जोकि बहुत शर्मनाम बात है। उन्होंने कहा कि सभा में बैठे एक ऐसा नेता बैठा है, जिनके गांव के बूथ पर सपा बुरी तरह से हार गई, लेकिन फिर भी अखिलेश यादव ने उन्हें पार्टी का सम्मानजनक पद दे दिया। मुलायम ने कहा कि हम खुलकर बोल रहे हैं कि हम पार्टी को कमजोर नहीं देखना चाहते। मैंने अकेले ये पार्टी बनाई थी। सब मिलकर एक लक्ष्य को लेकर चलेंगे तो सपा पहले जैसी मजबूत हो जाएगी।