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मंगल ग्रह पर उगाया जाएगा सलाद, जानिए कैसे हुआ संभव..

slad 1 मंगल ग्रह पर उगाया जाएगा सलाद, जानिए कैसे हुआ संभव..

मंगल ग्रह पर जीवन की खोज वैज्ञानिक कई सालों से कर रहे हैं। यही कारण है कि, जब भी मंगल ग्रह से जुड़ी हुई कोई भी खबर आती है। लोग उसे जानने में काफी उत्सुकता दिखाते हैं। और वहां जाकर बसने के सपने भी देखते हैं। मंगल ग्रह पर बस्ती बसने में फिलहाल तो टाइम लगेगा लेकिन अगर सबकुछ ठीक ठाक चलता रहा तो आप मंगल ग्रह पर उगाय गये सलाद का लुत्फ जरूर उठा सकेंगे। ये खबर आपको चौंका सकती है लेकिन यकीन मानिए सच है और वैज्ञानिक इस पर तेजी से काम कर रहे हैं।

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कई साल पहले ब्रिटिश ऐस्ट्रोनॉट टिम पीक के साथ करीब 2 किलो रॉकेट सीड्स इंटरनैशनल स्पेस स्टेशन लेकर गई थीं। 6 महीने बाद पृथ्वी पर लौटे इन बीजों को देश में 6 लाख बच्चों ने उगाया और पाया गया कि अंकुर फूटने में थोड़ी देरी लगी लेकिन फिर तेजी से बढ़े।
वैज्ञानिकों का कहना है कि स्पेस में जाने से बीजों के विकास पर खास फर्क नहीं पड़ा है। ऐसी संभावना मानी जा रहा है कि कम ग्रैविटी वाले दूसरे ग्रह पर इंसान इन्हें उगा सकता है।

रॉयल हॉलोवे यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन के डिपार्टमेंट ऑफ बायलॉजिकल साइंसेज विभाग के डॉक्टर जेक चैंडलर का कहना है कि हाई क्वॉलिटी के बीजों को स्पेस में भेजना मंगल जैसे ग्रहों पर पौधे उगाने के लिए अहम है जहां जीवन की खोज की जा रही है।
उन्होंने बताया कि स्टडी में पता चला कि 6 महीने के सफर में बीज के अंकुर फूटने की ऐक्टिविटी धीमी हुई और बाद में विकसित होने में तेजी देखी गई। माना जा रहा है कि रॉकेट सीड के तेजी से बढ़ने के पीछे कॉस्मिक रेज से निकला रेडिएशन, प्रोटॉन और सोलर एनर्जटिक पार्टिकल्स थे।

वैज्ञानिकों का मानना है कि मंगल पर रेडिएशन इंटरनैशनल स्पेस स्टेशन के मुकाबले कम से कम पांच गुना ज्यादा होगा लेकिन यह एक सकारात्मक नतीजा है कि बीज जिंदा रहे। और आने वाले समय में मंगल ग्रह पर खेती की जा सकती है।

https://www.bharatkhabar.com/country-needs-to-learn-to-live-with-corona-love-agrawal/

इन सभी चीजों के लिए मंगल ग्रह पर पानी की जरूरत होगी। जिसकी तलाश में वैज्ञानिक दिन रात लगे हुए है। अगर वैज्ञानिकों को मंगल ग्रह पर सफलता मिलती है तो पृथ्वी पर रहने वाले कई लोग मंगल ग्रह पर जाकर बस सकेंगे।

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