लखनऊ। समाजवादी पार्टी का पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ सात अगस्त को मंडल दिवस मनाएगा। इस दौरान मंडल आयोग की सिफारिशों को लागू करवाने के लिए अभियान की रणनीति भी तैयार की जाएगी। साथ ही सभी जिलों में जिलाधिकारियों को ज्ञापन भी सौंपे जाएंगे।
7 अगस्त 1990 को मण्डल कमीशन की रिपोर्ट लागू करने की घोषणा हुई थी। मण्डल आयोग की समस्त सिफारिशों को लागू कराने के लिए समाजवादी पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ द्वारा उत्तर प्रदेश के सभी जिलों अभियान चलाएगी। मण्डल आयोग की सिफारिशें लागू कराने पर चर्चा के साथ राष्ट्रपति को सम्बोधित सात सूत्रीय ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से सौंपे जाएंगे।
सपा ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ भाजपा सरकार द्वारा संविधान की मूल भावना से खिलवाड़ किया जा रहा है। आरक्षण समाप्त किया जा रहा है। पिछड़े, दलित, आदिवासी, अल्पसंख्यक और महिलाओं के साथ बर्बरतापूर्ण अन्याय और अत्याचार चरम सीमा पर है। सरकार की गलत नीतियों के चलते समाज के हर वर्ग के अधिकार खतरे में है।
सपा ने मांग की है कि मण्डल कमीशन की सभी सिफारिशें पूरी तरह से लागू की जाएं। जातीय जनगणना कराई जाए, आबादी के अनुपात में सभी को हिस्सेदारी दी जाए। आरक्षित वर्ग को बैकलॉग भर्ती शुरू करके नौकरियां और सुविधाएं दी जाएं।
नीट, मेडिकल की परीक्षा में अन्य पिछड़े वर्ग के आरक्षण को रोके जाने पर जो लगभग 10 हजार सीटों का नुकसान हुआ है, उसकी क्षतिपूर्ति की जाए। निजी क्षेत्र में भी मण्डल कमीशन की रिपोर्ट लागू कर आरक्षण का लाभ दिया जाए तथा लेटरल इन्ट्री बन्द हो।
समाजवादी पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजपाल कश्यप ने कहा कि तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने मण्डल कमीशन की नौकरियों और शिक्षण संस्थाओं में 27 प्रतिशत आरक्षण लागू किया था।
उस 27 प्रतिशत आरक्षण में भी वर्तमान भाजपा सरकार पिछड़ों की अनदेखी कर रही है। समाजवादी पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ उत्तर प्रदेश मण्डल आयोग की सिफारिशों को लागू कराने के लिए जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपेगा।