लखनऊ: सपा नेता भगवती सिंह का रविवार को निधन हो गया। सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के बेहद कारीबियों में शुमार भगवती सिंह 89 साल के थे और कई दिनों से बीमार चल रहे थे। वह लखनऊ के बख्शी का तालाब स्थित आवास पर रह रहे थे। उनकी मौत के बाद के अखिलेश यादव ने शोक संवेदना व्यक्त करते हुए पार्टी मुख्यालय पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस भी रद्द कर दी।
अखिलेश यादव अब भगवती सिंह के अंतिम संस्कार में हिस्सा लेंगे। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि शोकाकुल परिजनों के प्रति मेरी संवेदना! ईश्वर उनकी दिवंगत आत्मा को शांति एवं परिजनों को इस दुख की घड़ी में मजबूती प्रदान करे।
समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्य , पूर्व सांसद एवं पूर्व मंत्री श्री भगवती सिंह जी का लखनऊ में निधन, अत्यंत दुखद!
शोकाकुल परिजनों के प्रति संवेदना!
ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति एवं शोक संतप्त परिजनों को इस दुख की घड़ी में संबल प्रदान करे।
भावभीनी श्रद्धांजलि! pic.twitter.com/EY5uRg0W98
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) April 4, 2021
लोहिया और राजनारायण से सीखा राजनीति का ककहरा
भगवती सिंह सपा के उन पुरोधाओं में शामिल हैं, जिन्होंने डॉ राम मनोहर लोहिया और राजनारायण के साथ काम किया है। साल 1977 में भगवती पहली बार महोना से विधायक बने और उन्हें आवास विकास मंत्री बनाया गया था।
चंद्रिका देवी मंदिर का विकास कराकर बनाया पौराणिक स्थल
लखनऊ के सीतापुर रोड स्थित बख्शी का तालाब क्षेत्र में चंद्रिका देवी मंदिर लोगों की आस्था का प्रमुख केंद्र है। इस मंदिर का विकास कराकर भगवती सिंह ने इसे पौराणिक तीर्थ स्थल के रूप में विकसित किया। इस मंदिर में आज भी लोग कोने-कोने से दर्शन करते हैं। इसके अलावा उन्होनें चंद्र भानु गुप्ता कृषि महाविद्यालय की स्थापना भी की। अपने अंतिम समय उन्होंने इसी महाविद्यालय में काटे।
विधानसभा से राज्यसभा तक का किया सफर
भगवती सिंह जनप्रिय नेता थे। यही कारण था कि साल 1985 में भी विधायक बने। उसके बाद साल 1990 में कैबिनेट मंत्रालय में खेलकूद युवा कल्याण मंत्रालय उन्हें सौंपा गया। इसी साल कार्यकाल खत्म होने के बाद उन्हें विधान परिषद भेजा गया। साल 1993 में वन मंत्री, साल 1998 में एमएलसी, 2003 में वाह्य सहायतित परियोजना मंत्री और नेता सदन भी बनाया गया। 2004 में पार्टी ने उन्हें राज्यसभा भी भेजा।
पीजीआई को किया देहदान
किसानों और मजदूरों के मुद्दों को लेकर सड़क से सदन तक मुखर रहने वाले भगवती सिंह ने अपना शरीर संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (पीजीआई) को दान कर दिया था। परिजन उनका शरीर पीजीआई को सौंपेंगे। जो मेडिकल के छात्रों की पढ़ाई के काम आएगा।