लखनऊ। 2022 के विधान सभा चुनावों को अभी सालभर बाकी है लेकिन यूपी में चुनावी मौसम अपने शबाब पर है। मार्च में होने वाले पंचायत चुनावों से पहले यूपी में एमएलसी चुनाव की प्रक्रिया शुरु हो गई है। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश की 12 विधान परिषद सीटों के लिए चुनाव होने हैं। समाजवादी पार्टी कह और से पूर्व मंत्री अहमद हसन और राजेंद्र चैधरी को प्रत्याशी बनाया है। जानकारी के अनुसार एक सीट पर सपा बसपा में टक्कर होगी।
बीजेपी की रणनीति पर निगाहें-
आपको बतादें कि इस घोषणा के साथ ही एमएलसी चुनाव बेहद रोचक हो गया है क्योंकि संख्या बल के लिहाज से समाजवादी पार्टी अपने एक उम्मीदवार को ही आसानी से जिता सकती है। उधर, बीएसपी ने भी दो विधान परिषद के फार्म खरीदे हैं। ऐसे में एक सीट के लिए सपा और बसपा में अच्छी खींचतान देखने को मिलेगी। बीजेपी 10 सीटें जीतने की स्थिति में है इसलिए उसने सिर्फ 10 फार्म ही खरीदे हैं यानी 12 में से 11 सीटों में कोई मुकाबला नहीं होगा जबकि एक सीट पर सपा और बसपा आमने.सामने हो सकती है। ऐसे में सबकी निगाहें बीजेपी की रणनीति पर टिक गई है। क्या इन चुनाव में बीजेपी अब 10 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी या फिर 11वां उम्मीदवार उतारकर इस लड़ाई को और दिलचस्प बना देगी।
दरअसल यूपी विधान परिषद की 12 सीटें 30 जनवरी को खाली हो रही हैं। 28 जनवरी को इन सभी सीटों पर चुनाव होना है। संख्या बल के लिहाज से इन चुनाव में बीजेपी 10 सीटों पर आसानी से जीत हासिल कर सकती है। वहीं समाजवादी पार्टी एक सीट पर आसानी से जीत हासिल कर सकती है। लेकिन आज समाजवादी पार्टी ने इन चुनाव के लिए दो उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर दी। इनमें पहले उम्मीदवार अहमद हसन हैं जो वर्तमान में एमएलसी हैं और विधान परिषद में नेता विरोधी दल हैं। जबकि दूसरा नाम राजेंद्र चौधरी का है जो अखिलेश यादव के बेहद करीबी हैं और उनकी सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं। हालांकि समाजवादी पार्टी के पास वह संख्या बल नहीं है कि वह आसानी से अपने दूसरे उम्मीदवार को चुनाव जिता सके।