लखनऊ। यूपी के गोरखपुर और फूलपुर में होने वाले चुनाव को साल 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल कहा जा रहा था। लेकिन इस सेमीफाइनल में बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ा। सीएम योगी आदित्यनाथ के गढ़ गोरखपुर की लोकसभा सीट पर सपा के प्रवीन निषाद ने बीजेपी के उपेंद्र शुक्ला को 21, 881 वोटों से शिकस्त दी। 27 साल बाद सपा ने गोरखपुर में बीजेपी के किले को ढहाया है।
बता दें कि गोरखपुर संसदीय सीट पर 1991 से लगातार बीजेपी जीतती आ रही थी। गोरखपुर में 1989, 1991 और 1996 में महंत अवेद्यनाथ और 1998 से 2014 तक योगी आदित्यनाथ को कोई चुनौती नहीं दे सका। पिछले लोकसभा चुनाव में योगी तीन लाख 12 हजार मतों से जीते थे लेकिन इस बार बीजेपी के उपचुनाव में ‘बीजेपी का तिलिस्म’ टूट गया है। उधर, उपचुनाव में मिली हार पर प्रतिक्रिया देते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जनता ने अप्रत्याशित फैसला दिया है। हम जनता के फैसले को स्वीकार करते हैं।
वहीं बीजेपी की इस करारी हार के कई कारण रहे जैसे कि बीजेपी कार्यकर्ताओं का आसंतोष और उम्मीदवार के चयन पर सभी की असहमति इसके साथ ही सबसे बड़ा कारण था बीजेपी में आपसी गुटबाजी जिसके कारण बीजेपी को गोरखपुर और फूलपुर में हार का सामना करना पड़ा। वहीं हार को लेकर योगी आदित्यनाथ का कहना है कि हमने जनता के फैसले का सम्मान किया और अब बीजेपी सपा के जातीय समीकरण में उलझ गई है और इस की सबसे बड़ी वजह थी बसपा-सपा में होने वाला गठबंधन जिसने सपा को जीत का सामना कराया।