नई दिल्ली। कृषि कानूनों के विरोध में किसान आंदोलन को आज 45वां दिन है। किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली के चारों ओर डटे हुए हैं। इसके साथ ही किसान संगठन और सरकार के बीच हुई 8 दौर की वार्ता में भी कोई समाधान नहीं निकल पाया है। जिसके चलते अगली बैठक 15 जनवरी को होगी। इसी बीच आज कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी किसान आंदोलन पर चर्चा करने के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक करेंगी। इस वर्चुअल बैठक में पार्टी महासचिवों और प्रभारियों के साथ कृषि कानूनों के विरोध की रणनीति बनाने पर चर्चा होगी। एएनआई की एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि कांग्रेस अब केंद्र के खिलाफ आक्रामक होने और जमीनी संघर्ष की योजना बना रही है। शुक्रवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा था कि तीनों कानूनों को वापस लेने से कम कुछ भी स्वीकार्य नहीं है।
किसान आंदोलन के समर्थन में सोनिया गांधी-
बता दें कि कृषि कानूनों के विराध में किसान आंदोलन हर रोज उग्र होता जा रहा है। सरकार से अपनी मांग मनवाने के लिए किसानों द्वारा हर तरह से प्रयास किए जा रहे हैं। साथ ही लगभग सभी राजनीतिक पार्टियों ने किसानों को अपना समर्थन दे दिया है। जिसके चलते आए दिन राजनीतिक पार्टियों द्वारा किसानों के समर्थन में सरकार के खिलाफ बोलते हुए नजर आ रही है। इसी बीच आज सोनिया गांधी किसान आंदोलन पर चर्चा करने के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक करेंगी। इस वर्चुअल बैठक में पार्टी महासचिवों और प्रभारियों के साथ कृषि कानूनों के विरोध की रणनीति बनाने पर चर्चा होगी। सोनिया गांधी ने इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार को स्वतंत्र भारत की “सबसे अहंकारी” सरकार बताया था और कानूनों को वापस लेकर अपना “राज धर्म” निभाने की मांग की थी।