नई दिल्ली। कांग्रेस ने केंद्र सरकार के खिलाफ बजट सत्र के दौरान मोर्चाबंदी के लिए फिर से संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में विपक्षी दलों को एकजुट करने की कवायद प्रारम्भ कर दी है। इसी सिलसिले में गुरुवार को बजट सत्र के बाद संसद की लाइब्रेरी में सोनिया गांधी की अध्यक्षता में विपक्षी दलों की बैठक आयोजित हुई।

वहीं संसद भवन की लाइब्रेरी में हुई बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद, लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, वीरप्पा मोइली, जनता दल यू के बागी नेता शरद यादव, समाजवादी पार्टी (सपा) के रामगोपाल यादव, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पंवार, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता डेरेक ओ ब्रायन समेत 18 विपक्षी पार्टियों के नेता शामिल हुए ।
बता दें कि कांग्रेसी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, बैठक में बजट के बाद विपक्ष की एकजुटता दिखाने और सरकार को घेरने की रणनीति बनाई गई है। इसके लिए सभी दलों का एक संयुक्त कॉमन एजेंडा क्या होगा, इस पर चर्चा की गई। बैठक के जरिए ये संदेश भी देने का प्रयास किया गया कि पूरा विपक्ष इस समय एकजुट है, साथ ही यूपीए के तमाम सहयोगी दलों को यह संदेश भी देने की कोशिश की जाएगी कि अभी भी पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी राजनीति में सक्रिय हैं। बैठक में राजस्थान में दो लोकसभा और एक विधानसभा सीट पर जीत पर भी चर्चा हुई है।
उल्लेखनीय है कि शरद पवार इसी सिलसिले में पिछले दिनों प्रमुख विपक्षी दलों के साथ दो बैठकें पहले ही कर चुके हैं। शरद पवार की बैठक में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने ये प्रस्ताव रखा था कि सोनिया गांधी के नेतृत्व में विपक्ष की एक अहम बैठक कर आगे की रणनीति तय की जाए।