नई दिल्ली। काफी लंबे समय से कांग्रेस पार्टी में अध्यक्ष पद की कमान आने वाले समय में किसके हाथ में होगी इस पर चर्चा चल रही थी। लेकिन अब ऐसी खबरें आ रही है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव और पंजाब चुनाव के बाद पार्टी की कमान कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी सभालेंगे। वर्तमान समय में कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी है लेकिन लंबे समय से बीमारी के चलते वो लाइम लाइट से दूर है जिसकी वजह से वो ऐसा फैसला ले सकती है।
काफी समय से सोनिया देना चाहती थी इस्तीफा:-
एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर के मुताबिक सोनिया गांधी कुछ समय पहले ही इस्तीफा देना चाहती थी लेकिन पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का ऐसा मानना था कि अगामी चुनाव उनके नेतृत्व में हो जिसकी वजह से ये फैसला टलता रहा। नए साल के शुरुआत में ही उत्तर प्रदेश और पंजाब में चुनावी प्रकिया शुरु कर दी जाएगी। इस बार कांग्रेस के लिए ये दोनों ही चुनाव काफी अहम होगें। एक ओर कांग्रेस ने शीला दीक्षित को उम्मीदवार बनाकर ब्राह्मण वोट कार्ड खेला है तो वहीं दूसरी तरफ पंजाब चुनाव में भाजपा और अकाली दल का गठबंधन कमजोर होने की वजह से कांग्रेस को इसका फायदा मिल सकता है।
कार्यकारिणी बैठक में जारी किया गया था प्रस्ताव:-
जानकारी के अनुसार कांग्रेस की कार्यकारिणी बैठक में राहुल गांधी को पार्टी की कमान सौंपने का एक प्रस्ताव पास किया गया था जिसमें ए के एंटनी और मनमोहन सिंह ने कहा था कि अब समय आ गया है कि राहुल को पार्टी की कमान अपने हाथ थाम लेनी चाहिए। हालांकि इस बैठक में ये फैसला लिया गया था फिलहाल पार्टी की अध्यक्ष कुछ समय तक सोनिया गांधी ही रहेंगी।इस पूरे मामले पर पार्टी के नेता सुरजेवाला ने कहा है ये एक प्रक्रिया है जिसमें समय लगेगा लेकिन कब होगी इसकी तारीख अभी तय नहीं की गई है।
राहुल गांधी कर रहें है चुनावी रैली:-
बता दें कि कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए हर तरह से वोटरों का विश्वास जीतने की कोशिश कर रही है। एक ओर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर और दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और यूपी की मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार शीला दीक्षित ने ’27 साल यूपी बेहाल’ के नाम के नारे के साथ यूपी की कमान संभाल रखी है तो वहीं राहुल गांधी ने देविरया टू दिल्ली तक की किसान यात्रा के दौरान खाट सभा की और किसानों से बातचीत करके उनकी समस्याओं को सुलझाने का भरोसा दिलाया। इसके साथ ही कई और जगह रैलियां करके वो पार्टी के वोट बैंक को मजबूत करने में लगे हुए है।