बिहार

केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के बेटे ने कहा-‘मैं सरेंडर क्यों करूंगा?’

कक केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के बेटे ने कहा-'मैं सरेंडर क्यों करूंगा?'

नई दिल्ली। बिहार के भागलुपर में जुलूस के दौरान दो समुदायों के बीच झड़प मामलें आरोपी केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के बेटेअरिजीत शाश्वत को पुलिस की ओर से सरेंडर करने का कहा गया था जिसको लेकर अश्विनी चौबे ने सरेंडर करने से साफ मना कर दिया। बता दे कि अरिजीत शाश्वत को पुलिस की ओर से वॉरंट जारी किया गया हैं जिसको लेकर अरिजीत शाश्वत की ओऱ से सरेंडर करने को मना कर दिया गया हैं हालाकिं विपक्ष अरिजीत शाश्वत को सरेंडर करने को लेकर लगातार दवाब बना रहे हैं।

कक केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के बेटे ने कहा-'मैं सरेंडर क्यों करूंगा?'

इस पूरे मामलें पर मीडिया से बात करते हुए अरिजीत शाश्वत ने कहा कि वो फिलहाल अभी सरेंडर करने नहीं जा रहे हैं। उऩ्होनें कहा कि मैं न्यायालय की शरण में हूं उनकी ओऱ से कहा गया कि जिन्हें खोजने की जरूरत पड़े फरार उन्हें कहा जाता है, मैं समाज के बीच हूं। मैं आत्मसमर्पण क्यों करूंगा? कोर्ट वॉरंट जारी करता है पर वह आश्रय भी देता है। जब एक बार आप कोर्ट जाते हैं तो आप वहीं करते हैं जो कोर्ट आपके लिए फैसला करता है।

बदहाल कानून व्यवस्था को लेकर कसा तंज

दूसरी तरफ आरजेडी नेता तेजस्वी यादव की ओर से ट्विटर पर नीतीश कुमार को घेरा गया हैं जिसमें तेजस्वी यादव ने सीधे सीधे नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए प्रदेश में कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। और काननू व्यवस्था का हवाला देते हुए नीतीश कुमार को कटघरें में खड़ा कर दिया हैं तेजस्वी ने ट्वीट किया, ‘यह लड़का (अरिजीत शाश्वत) लगातार नीतीश कुमार को चुनौती दे रहा है। वह नीतीश कुमार का मजाक बना रहा है। मिस्टर सीएम की धरती पर कानून व्यवस्था कहां है? इतने कायर मत होइए। वह दंगा भड़काने के मामले में वांटेड है। यह नीतीश सरकार के लिए शर्मनाक है।’

जुलूस के दौरा हिंसा
बता दे कि भागलपुर में नवरात्र के जुलूस को लेकर दो समुदाओं के बीच हिंसा हुई थी। जिसमें अरिजीत के खिलाफ वॉरंट जारी हुआ है, बता दे कि जिसके बाद अरिजीत को आरोपी बनाते हुए उन पर एफआईआर दर्ज की गई थी। हिंसा मामले में दर्ज एफआईआर में कहा गया था कि अरिजीत के नेतृत्‍व में भारतीय नववर्ष जागरण समिति की ओर से विक्रम संवत के पहले दिन नववर्ष को मनाने के लिए जुलूस निकाला गया था। दोनों समुदायों में संघर्ष उस समय शुरू हुआ जब मेदिनीनगर के स्‍थानीय लोगों ने इसका विरोध किया।

हिंसा के इंटरनेट सेवाओं को किया बंद
भागलपुर के नाथनगर इलाके में घटी इस घटना के बाद टरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया था और इस घटना के दौरान हिंसक झड़प भी हो गई थी। जिसके बाद इलाके में तनाव की स्थिती पैदा हो गई थी जिसको देखते हुए पुलिस की ओर से सुरक्षा के कड़े इंतेजाम कर दिए गए थें।

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