देश featured भारत खबर विशेष

सोहराबुद्दीन एनकाउंटरः जानें केस के कुछ पहलू, जो सियासत के गलियारों में चर्चा का विषय बने हैं

सोहराबुद्दीन एनकाउंटरः जानें केस के कुछ पहलू, जो सियासत के गलियारों में चर्चा का विषय बने हैं

सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर मामले में आज यानी कि शुक्रवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष अदालत अपना फैसला देगी। बहुचर्चित सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर मामले में साल 2005-06 के दौरान हुए इस एनकाउंटर में कथित गैंगस्टर सोहराबुद्दीन और तुलसीराम प्रजापति के मारे जाने से राजनीति में जमकर उथल-पुथल हुयी थी। अब 13 साल बाद कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा। इस प्रकरण की आखिरी बहस 5 दिसंबर को हुई थी। मामले में सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एस.जे. शर्मा आज अपना फैसला देंगे।

 

सोहराबुद्दीन एनकाउंटरः जानें केस के कुछ पहलू, जो सियासत के गलियारों में चर्चा का विषय बने हैं
सोहराबुद्दीन एनकाउंटरः जानें केस के कुछ पहलू, जो सियासत के गलियारों में चर्चा का विषय बने हैं

इसे भी पढ़ें-जज लोया केस: SC के फैसले संतुष्ट नहीं कांग्रेस, कहा- 10 सवाल अभी अनसुलझे

आपको बता दें कि पहले यह केस गुजरात में चल रहा था। लोकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसको मुंबई ट्रांसफर कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि गुजरात में इस केस को प्रभावित किया जा रहा है।मालूम हो कि पहले मामले की सुनवाई पहले जज उत्पल कर रहे थे, जिनका ट्रांसफर कर दिया गया। बाद में सीबीआई जज बृजगोपाल लोया कर रहे थे, जज लोया कि संदिग्ध परिस्थियों में मौत के बाद इस केस की मीडिया रिपोर्टिंग पर बैन लगा दिया गया था।

सीबीआई जज बीएच लोया की रहस्यमय मौत के मामले में कई मोड़ आए। द कारवां पत्रिका ने एक रिपोर्ट में लोया के परिजनों द्वारा उनकी मृत्यु की संदेहास्पद परिस्थितियों पर सवाल उठाए और उन्हें सोहराबुद्दीन मामले में अमित शाह के पक्ष में फैसला देने के लिए 100 करोड़ रुपये की रिश्वत देने के प्रस्ताव की बात भी कही थी। सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले की सुनवाई कर रहे विशेष सीबीआई अदालत के न्यायाधीश बृजगोपाल लोया की अचानक हुई मौत के लगभग तीन साल बाद उनके परिजनों ने कुछ बोलते हुए उनकी मौत पर कुछ प्रशन खड़ें किए थे।

इसे भी पढ़ें-सुप्रीम कोर्ट जज बीएच लोया की मौत की जांच पर आज सुनाएगा फैसला

दरअसल मामला हाई प्रोफाइल से जुड़ा हुआ था जिसमें कई दिग्गजों मसलन गुजरात के इस चर्चित मामले में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह समेत गुजरात पुलिस के कई आला अधिकारियों के नाम आए सामने आए थे।दिग्गजों की संलिप्ता जांच में अड़चनें पैदा कर रही थी इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि सुप्रीम कोर्ट को सोहराबुद्दीन एनकांउटर केस गुजरात से ट्रांसफर करना पड़ा और आज मुंबई में चल रहा।

बृजगोपाल लोया के परिजनों से हुई बातचीत का हवाला देते ‘द कारवां पत्रिका’ में प्रकाशित हुई एक रिपोर्ट में लोया की मौत की संदेहास्पद परिस्थितियों पर सवाल उठाए गए थे। ज्ञात हो कि लोया की मौत 1 दिसंबर 2014 को नागपुर में हुई थी, जिसकी वजह दिल का दौरा पड़ना बताया गया था। वे नागपुर अपनी सहयोगी जज स्वप्ना जोशी की बेटी की शादी में गए हुए थे।

द कारवां की रिपोर्ट में जज लोया की मौत के संबंध में खडे हुए ये सवाल

द कारवां मैगजीन ने लोया के परिजनों के हवाले से लोया की मौत के समय को लेकर कोई स्पष्टता नहीं है पर सवाल खड़ा किया था। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक मृत्यु का समय 1 दिसंबर 2014 को सुबह 6 बजकर 15 मिनट दर्ज है।जबकि परिजनों के मुताबिक उन्हें एक तारीख को सुबह 5 बजे फोन पर उनकी मृत्यु की सूचना मिली थी।

लोया की मौत दिल के दौरे से होना बताया गया, जबकि परिजनों ने उनके कपड़ों पर खून के धब्बे देखे थे। परिवार को लोया का फोन मौत के कई दिन बाद लौटाया गया, जिसमें से डाटा डिलीट किया गया था। आपको बता दें कि ऐसे कई सवाल और भी थे जिनसे सियासत गलियारों मे उस दौरान भूचाल सा आ गया था।उक्त रिपोर्ट को ”द वायर” हिन्दी न्यूज वेबसाइट ने द कारवां मैगजीन के हवाले 21- 11-2017 को प्रकाशित की थी। हालांकि बाद में सुप्रीम कोर्ट ने जज लोया की मौत के संबंध एसआईटी से जांच की मांग वाली याचिकाओं को खारिज करते हुए जज की मौत को प्राकृतिक बताया था।

सुप्रीम कोर्ट ने जज लोया की मौत को प्राकृतिक बताया था।

गौरतलब है कि इसी साल अप्रैल में तत्कालीन मुख्य नयायधीश दीपक मिश्रा, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और एएम खानविलकर की सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने जज लोया की मौत की एसआईटी से जांच की मांग वाली याचिकाओं का खारिज कर दिया था। जानकारी के मुताबिक कोर्ट ने कहा था कि ”ये याचिकाएं राजनीतिक हित साधने और चर्चा समेटने के लिए जारी की गई लगती हैं, लेकिन इनका कोई ठोस आधार नहीं है”। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाओं को लेकर कठोर टिप्पणी भी की थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ये याचिकाएं न्यायपालिका की छवि को खराब करने का एक प्रयास हैं।

maheshkumar 1 सोहराबुद्दीन एनकाउंटरः जानें केस के कुछ पहलू, जो सियासत के गलियारों में चर्चा का विषय बने हैं

 महेश कुमार यादव

Related posts

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 29 उत्कृष्ट महिलाओं को किया सम्मानित

Neetu Rajbhar

 नोएडा के एसएसपी वैभव कृष्ण पर योगी सरकार ने की बड़ी कार्रवाई, अश्लील वीडियो के बाद आए थे विवादों में

Rani Naqvi

आधिकारिक दौरे पर भारत आए जापान के PM, भारत-जापान शिखर बैठक में लेंगे हिस्सा

Rahul