कुंभ मेले की तैयारियां जोरोशोरो से की जा रही हैं. व्यव्स्थाओं से लेकर सुरक्षा के इंतजामों तक का पूरा ख्याल रखा जाए इसके लिये तैयारी हो रही है. इन्हीं तैयारियों को लेकर डीजीपी अशोक कुमार ने सभी अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने कुंभ को सकुशल रूप से संपन्न कराने के लिए जरूरी कदम उठाने को कहा.
सोशल मीडिया मॉनीटरिंग सेल होगा स्थापित
डीजीपी अशोक कुमार ने कुंभ में सोशल मीडिया मॉनीटरिंग सेल स्थापित करने के निर्देश दिए हैं. इसका उद्देश्य राष्ट्रविरोधी और सांप्रदायिक पोस्ट आदि सामग्री पर नजर रखना है. साथ ही उन्होंने भीड़ प्रबंधन के लिए सारी तैयारियां पूरी करने को कहा है. साथ ही पूरे कुंभ क्षेत्र में सीसीटीवी मैपिंग और उसकी निगरानी के भी आदेश दिए हैं.
48 दिन का ही होगा कुंभ
शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि कुंभ का आयोजन मुख्य तौर पर मार्च से अप्रैल के बीच किया जाएगा. सरकार फरवरी अंत में मेले की विधिवत अधिसूचना जारी करेगी. कोरोना वायरस को लेकर सरकार ने इसकी तैयारी की है. 2021 में होने जा रहे कुंभ का आयोजन इस बार केवल 48 दिन का ही होगा.
यातायात सुगमता के लिये भी उठाए जाएंगे कदम
डीजीपी ने कहा कि यातायात सुगमता के लिये यातायात निदेशक को प्रभावी कदम उठाने हैं. प्रबंधन के लिए एक विस्तृत कार्ययोजना बनाई जाए. साथ ही समय रहते इस पर काम कर तैयारियां की जा सकें. विभिन्न राज्यों से समन्वय स्थापित कर राष्ट्रविरोधी तत्वों, अपराधियों और नामी अपराधियों से संबंधित अभिसूचना इकट्ठा करने के लिए टीमों को भी रवाना किया जाए. भीड़भाड़ वाले इलाकों में मॉकड्रिल शुरू की जाए. इनमें बस अड्डा, रेलवे स्टेशन, अस्थायी बस अड्डे आदि शामिल किए जाएं.
कुंभ की हो रही जोरशोर तैयारी
कोविड के कारण श्रद्धालुओं के लंबे प्रवास के बजाय, मेले को मुख्य तौर पर स्नान तक सीमित रहेगा. जनवरी में यदि कोविड वेक्सीनेशन प्रारंभ होता है तो सरकार प्रथम चरण में कुंभ मेला में फ्रंट लाइन ड्यूटी देने वाले कार्मिकों को वैक्सीनेशन देकर, सुरक्षा चक्र तैयार कर सकती है. कुंभ मेला पर सरकार अब तक करीब 500 करोड़ रुपए खर्च कर चुकी है. इसमें से पौने चार सौ करोड़ रुपए केंद्र सरकार से प्राप्त हो चुके हैं. सरकार ने केंद्र से अतिरिक्त बजट की मांग की है. कुंभ का पूरा बजट सात सौ करोड़ रुपए तक ही जाने की उम्मीद है.