नई दिल्ली। प्रख्यात मानवाधिकार कार्यकर्ता शबनम हाशमी ने भीड़ द्वारा हत्या की घटनाओं के विरोध में मंगलवार को अपना राष्ट्रीय अल्पसंख्यक अधिकार ऑवर्ड वापस कर दिया अवार्ड वापस करते हुए हाशमी ने कहा कि देश में भय और आतंक का माहौल छाता जा रहा है।
हाशमी को राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने 2008 में इस अवार्ड से सम्मानित किया था देश में हगिंसा के मौजूदा हालात के लिए केन्द्र सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए हाशमी ने कहा मौजूदा केन्द्र सरकार के अधीन अल्पंसख्यको वर्गो को हाशिए पर धकेला जाना आम बात हो चली है उन्होंने कहा यह सरकार न सिर्फ बहरा कर देने वाली चुप्पी साधे हुए है बल्कि अल्पसंख्यकों के खिलाफ हमले और भीड़ द्वारा हत्या को खुलेआम बढ़ावा देने में लगी हुई हैं।
हाशमी ने अल्पसंख्यक समुदाय की गरिमा बनाए रखना सुनिश्चित करने और उनके संवैधानिक अधिकारो की रक्षा की दिशा में सक्रियता न दिखाने के लिए राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग पर भी निशाना साधा उन्होंने आयोग के अध्यक्ष रके उस विवादित बयान की भी निन्दा की है जिसमें आयोग के अध्यक्ष ने कहा था कि चैम्पियंस ट्रॉफी में पाकिस्तान की जीत का जश्न मनाने वाले भारतीयों को पाकिस्तान चले जाना चाहिए या उन्हें पाकिस्तान भेज दिया जाना चाहिए।
इसके साथ ही हाशमी ने ये भी कहा कि आयोग और मौजूदा केन्द्र सरकार अल्पसंख्यक समुदाय दिलाने और उसकी सुरक्षा का दिखावा तक करने में असफल रही है करीब 2 साल पहले कई लेखकों फिल्म निर्माताओं बुद्धिजीवियों और वैज्ञानिकों ने गोमांस की अफवाह को लेकर यूपी में मोहमम्द अखलाक की पीट पीट कर हत्या के मामले के बाद राष्ट्रीय पुरुष्कार लौटाए थे।