प्रयागराज। संगम नगरी प्रयागराज में कोरोना के इस दौर में श्मशान घाट हो या कब्रिस्तान प्रत्येक जगह की हालत खराब है। मामला प्रयागराज के करेली काला कांडा कब्रिस्तान का है। जहां कुछ दिनों से इतने शव आ रहे हैं कि कब्र खोदने वालों की हालत खराब हो जा रही है। सोमवार देर रात कब्र की खुदाई करने वाले कल्लू के गूंगे बेटे की मौत हो गई।
कब्र खोदने का काम करता था कल्लू
आपको बता दें कि कल्लू करेली के काला कांडा कब्रिस्तान में कई सालों से कब्र खोदने का काम करता है l कोरोना के इस दौर में लगातार हो रही मौतों ने कब्रिस्तान में कब्र खोदने वालों की चिंता बढ़ा दीया है l आपको बता दें कि शव इतने आ रहे हैं कि कब्र खोदने के लिए बाहर से मजदूरों को बुलाना पड़ रहा हैं l स्थिति को देखते हुए कल्लू ने अपने 25 साल के गूंगे बेटे को भी कब्र खोदने के काम पर लगा दिया था।
कोरोना काल में तेजी से खोली जा रहीं कब्र
कब्रिस्तान कमेटी के मुतवसल्ली मोहम्मद जावेद ने बताया कि इन दिनों कब्र खोदने का काम ज्यादा हो रहा है। दो दिन पहले कब्र खोदते समय कल्लू के बेटे की सांस फूलने लगी थी जिसे देखते हुए उसे तत्काल बिना देरी किए इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां समय से ऑक्सीजन न मिलने के चलते उसकी मौत हो गई।
जिलाधिकारी से की मुआवजे की मांग
कब्रिस्तान कमेटी ने मृतक के परिजनों को मुआवजा दिलाने के लिए जिलाधिकारी से मांग की है। उन्होंने कहा कि युवक के पिता बुजुर्ग हो चुके हैं। इस अवस्था में जीवन चलाने एवं भरण-पोषण के लिए उन्हें कोई उचित व्यवस्था नहीं है। इसलिए परिवार को उचित मुआवजे की राशि दी जाए।