कानपुर। कानपुर के चमनगंज में रहने वाली एसिड अटैक पीड़िता शबीना को जिंदगी में अपना हमसफर मिल गया। 12 साल पहले शादी से मना करने पर वसीम नाम के लड़के ने शबीना के ऊपर तेजाब फेंक दिया था। उसके बाद से पीड़िता के परिवारजन उसके लिए वर ढ़ूढ रहे थे लेकिन हर कोई उसके जले हुए चेहरे को देखकर पीछे हट जाता था। आखिरकार इंतजार खत्म हुआ और शमशाद नाम के आदमी ने उसके सामने शादी का प्रस्ताव रखा। बता दें कि उस घटना के बाद शबीना का चेहरा पूरी तरह जल चुका था। शरीर पर जलने के दाग से शबीना का आत्म विश्वास खतम सा हो गया था। भले ही आरोपी को सजा क्याू न हो गई हो, पीड़िता के जीवन से वो दान कभी धुल तो नहीं सकते। लेकिन एक उम्मीद है कि वो अब अपनी जिंदगी में थोड़ी खुशी पा सकेगी।
शमशाद शबीना के घर के पास का ही रहने वाला है। ये शादी एक मिशाल बन कर सामने आई। जब शमशाद की बारात पीड़िता के घर आई तो सभी के चेहरे पर मुस्कान थी, आस-पास के लोग और घरवाले सभी की आंखों में खुशी के आंसू थे। मस्जिद के काजी के शबीना और शमशाद को निकाह पढ़ाने के बाद विदाई हुई। इस मौके पर पड़ोसियों और समाजसेवी संस्थाओं ने पिता की हर संभव मदद की और दोनों को खुश रहने की शुभकामनाएं भी दी।
निकाह के बाद शबीना ने अल्लाह का शुक्रिया अदा करते हुए कहा, “मुझे पता था कि अगर उसने जख्म दिया है तो मरहम भी वह देगा। लेकिन इतने साल लग जायेंगे यह नहीं पता था। खैर जो भी हुआ, उसमें अल्लाह की रजामंदी थी। उसने मुझे जो हमसफर दिया है, उसका शुक्रिया अदा कर अपने आने वाले दिनों की दुआ मांगती हूं”।
दुनिया में इंसानियत की परिभाषा शायद शामशाह जैसे लोग ही देते हैं। आजकल की मतलबी दुनिया में ऐसे कम ही लोग होते हैं जो किसी के मन की सुंदरता को देख कर जीवन जीते हैं। उम्मीद है शमशाद के जैसे और भी लोग हों जो किसी की जिंदगी को रौशन कर सकें।