उपराष्ट्रपति की रेस में शामिल होने के बाद केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उनके द्वारा अपने पद से इस्तीफा देने के बाद मंत्रिमंडल में कुछ फेरबदल किए गए हैं। लेकिन इन फेरबदल ने सभी का ध्यान अफनी तरफ खींच लिया है। दरअसल कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी को सूचना एक प्रसारण का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। स्मृति ईरानी को एक बार फिर से एक बड़ा भार सौंपा गया है क्योंकि साल 2016 में वह पीएम नरेंद्र मोदी की उम्मीद पर खरी नहीं उतरी थी, और उन्हें मानव संसाधन मंत्री से हटाकर कपड़ा मंत्रालय का कार्यभाल सौंपा गया था।
दूसरी तरफ पीएम मोदी ने साल 2014 में अमेठी में स्मृति ईरानी का प्रचार करते हुए उन्हें अपनी छोटी बहन बताया था। गांधी परिवार पर हमला बोलने से स्मृति ईरानी कभी भी पीछे नहीं हटीं। वह खुलकर राहुल गांधी के खिलाफ बोलती थीं। उन्होंने साल 2014 में लोकसभा चुनाव कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ लड़ा था। लेकिन राहुल गांधी के खिलाफ लड़ने पर उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था। लेकिन बावजूद इसके अमेठी से उन्होंने अपना नाता नहीं तोड़ा।
लेकिन अब कपड़ा मंत्रालय के साथ साथ उनपर सूचना एंव प्रसारण का कार्यभाल भी सौंप दिया गया है। ऐसे में अब देखने वाली बात यह है कि अब इतना ज्यादा भारी भरकम भार मिलने के बाद क्या वह पीएम मोदी की उम्मीद पर खरी उतरती हैं या नहीं। स्मृति ईरानी से लगभग एक साल पहले मानव संसाधन मंत्रालय को लेते हुए यह प्रकाश जावड़ेकर को दे दिया गया था। इस वक्त स्मृति ईरानी इस पद का कार्यभाल संभाल रही थी। इस बीच मानव संसाधन मंत्रालय का स्मृति ईरानी का कार्यभाल काफी विवादित रहा था। कहा जा रहा था कि वह इस पद को संभाल नहीं पा रही है। रोहित वेमुला मुद्दा या फिर उनकी डिग्री का मुद्दा, आए दिन वह सुर्खियों में बनी रहती थी।