नई दिल्ली। केंद्रीय शहरी विकास मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि स्मार्ट सिटी विकास किसी विशेष वर्ग के लिए नहीं है बल्कि यह समावेशी और आमूल शहरी विकास योजना है।
वेंकैया ने श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स में मंगलवार को आयोजित व्यापार संगोष्ठी को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी मिशन के कारण बहुत बदलाव आया है। स्मार्ट सिटी मिशन को इस तरह तैयार किया गया है कि इसके तहत समावेशी विकास को प्रोत्साहन दिया जा सके, जिसका लाभ हर वर्ग के व्यक्ति को मिले। उन्होंने कहा कि अभियान की प्रगति संतोषजनक है।
उन्होंने कहा कि 28 जनवरी, 2015 को 12 शहरों के पहले खंड को स्मार्ट सिटी विकास के लिए चुना गया था। इनका कार्य सुचारू रूप से चल रहा है। इस वर्ष जून तक 114 परियोजनाएं पूरी हो जाएंगी, जिनकी लागत 1582 करोड़ रुपये है। इसके अलावा 11,749 करोड़ रुपये लागत वाली 186 परियोजनाएं और 7,336 करोड़ रुपये वाली 210 परियोजनाएं भी जल्द शुरू होंगी।
नायडू ने कहा कि पहले शहरी शासन के पुराने तरीके पर जोर दिया जाता था लेकिन शहर अब क्रेडिट रेटिंग प्राप्त करने की दिशा में बढ़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि 97 स्मार्ट शहरों में से 89 ने यह प्रक्रिया शुरू कर दी है। इनमें से 70 शहरों की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और 26 शहरों को क्रेडिट रेटिंग दे दी गई है। नायडू ने बताया कि 25 अमृत शहरों सहित 44 शहरों को अब तक क्रेडिट रेटिंग दी जा चुकी है।