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संतान की रक्षा के लिए करे स्कंद षष्ठी पर पूजा

Untitled 47 संतान की रक्षा के लिए करे स्कंद षष्ठी पर पूजा

नई दिल्ली। माता पिता अपने बच्चों के लिए कुछ भी कर गुजरने को तैयार रहते हैं। हमारें हिंदु धर्म में कई ऐसे पर्व होते हैं जो बच्चों को स्वस्थ रखने के लिए मनाए जाते हैं ऐसा ही एक पर्व होता हैं स्कंद षष्ठी का पर्व जो कि इस बार शनिवार दिनांक 21.04.18 को पड़ रहा हैं। स्कंद षष्ठी वैसाख शुक्ल षष्ठी पर मनाई जाती हैं। यह छठ वैसाखी स्कंद षष्ठी कहलाती है। यह पर्व भगवान शंकर व भगवती पार्वती के पुत्र कार्तिकेय अर्थात भगवान स्कंद को समर्पित है। शास्त्र निर्णयामृत के अनुसार शुक्ल षष्ठी को दक्षिणापथ में भगवान कार्तिकेय के दर्शन मात्र से ब्रह्महत्या जैसे पापों से मुक्ति मिलती है। पौराणिक कथानुसार स्कंद षष्ठी की उपासना से च्यवन ऋषि को आंखों की ज्योति प्राप्त हुई। ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार स्कंद षष्ठी की कृपा से प्रियव्रत का मृत शिशु जीवित हो उठा था।

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महादेव के तेज से उत्पन्न स्कंद की 6 कृतिकाओं ने स्तनपान करवाकर रक्षा की थी। स्कंद की उत्पत्ति अमावास्या को अग्नि से हुई थी, वे चैत्र माह शुक्ल पक्ष की षष्ठी को प्रत्यक्ष हुए थे। भगवान कार्तिकेय के छह मुख हैं। मयूर पर आसीन देवसेनापति कुमार कार्तिक की आराधना दक्षिण भारत में सबसे ज्यादा होती है, यहां पर यह ‘मुरुगन’ नाम से विख्यात हैं। प्रतिष्ठा, विजय, व्यवस्था, अनुशासन सभी कुछ इनकी कृपा से सम्पन्न होते हैं।

स्कन्दपुराण के मूल उपदेष्टा कुमार कार्तिकेय ही हैं तथा यह पुराण सभी पुराणों में सबसे विशाल है। कार्तिकेय देवों के द्वारा सेना नायक बनाए गए थे, तब कार्तिकेय ने तारकासुर का वध किया था। इनकी पूजा, दीपों, वस्त्रों, अलंकरणों व खिलौनों के रूप में की जाती है। यह युद्ध, शक्ति व ऊर्जा के प्रतीक हैं। शास्त्रों में शिवलय में कार्तिकेय की पूजा संतान के स्वास्थ्य के लिए करने का विधान है। मान्यतानुसार विवाद मुक्ति व कलह मुक्ति के लिए स्कंद षष्ठी पर कार्तिकेय की आराधना निश्चित सफलता देती है।

विशेष पूजन

शिवालय जाकर भगवान कार्तिकेय का विधिवत पूजन करें। सरसों के तेल का षडमुखी दीप करें, लोहबान से धूप करें, बरगद के पत्ते व नीले फूल चढ़ाएं, काजल चढ़ाएं, काली मिर्च व बादाम चढ़ाएं तथा नारियल से बने मिष्ठान का भोग लगाएं।

मंत्र जाप

अगर आप इस दिन 108 बार इस मंत्र का जपते हैं और इसके बाद भोग किसी गरीब बच्चे को बांट देंते हैं तो आप इसका लाभ मिलेगा।
विशेष मंत्र: ॐ स्कन्दाय खड्गधराय नमः॥
विशेष मुहूर्त: सुबह 11:20 से दिन 12:20 तक।

उपाय

अगर आपके यहां क्लेश होता हैं तो आपको कलह से मुक्ति के लिए कार्तिकेय पर चढ़ी उड़द काली गाय को खिलाएं इससे आपके घर का कलह दूर होगा।
संतान के स्वास्थ्य लाभ के लिए कार्तिकेय पर चढ़ा खिलौना गरीब बच्चे को दान करें।
अगर आप भी काफी विवादों में रहते हैं तो विवादों से मुक्ति के लिए आपको कार्तिकेय पर चढ़ी लौंग और कर्पूर को जला देंना।

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