उत्तराखंड

केदारनाथ में प्राकृतिक आपदा के छ: साल बाद भी हजारों को अपने परिजनों की तलाश

kedarnath yatra hadsa केदारनाथ में प्राकृतिक आपदा के छ: साल बाद भी हजारों को अपने परिजनों की तलाश
  • संवाददाता, भारत खबर

केदारनाथ। आज से छह साल पहले केदारनाथ में हुए भयंकर प्राकृतिक आपदा के पीछे के तमाम मंजरों को लोगों की आंखों ने भुलराया नहीं हैं। आज भी दिल में वो सन्नाटा चीख मचा रहा है जिसने अपनों को आंखों के सामने मरते देखा था। वर्ष 2013 की केदारघाटी आपदा में समा गए 3187 श्रद्धालुओं का नामोंनिशां आजतक नहीं मिल पाया।
लगातार खोज अभियान चल रहे हैं लेकिन बात जहां शुरू हुई थी वहीं है हालाकि 699 नरकंकाल मिल चुके है, जिनमें से 33 का ही डीएनए मिलान हो सका है। 16 जून 2013 की रात केदारनाथ, गौरीकुंड समेत कई स्थानों पर हजारों लोग मौजूद थे। आपदा के बाद मची अफरातफरी में इंसानी जिंदगियां तिनके की तरह बिखरती चली गई।
इस त्रासदी में लोगों को फौरी तौर पर राहत भी नहीं पहुंचाई जा सकी थी। आईजी संजय गुंज्याल और एएसपी नवनीत भुल्लर की अगुवाई में दो टीमों ने राहत बचाव शुरू किए। आपदा के बाद राहत बचाव में सरकार की तमाम ताकत नाकाफी साबित हुई। इस प्राकृतिक आपदा में देश भर के करीब 3886 श्रद्धालुओं की जान गई।
आपदा के पास जैसे-जैसे पर्यटकों की दुर्गम इलाकों में चहल-कदमी बढ़ी तो श्रद्धालुओं के अवशेष मिलते गए। 2013 में 545 शव मिलने के बाद अगले पांच साल सर्च आपरेशन के दौरान नरकंकाल मिलने का सिलसिला चलता रहा।

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