देहरादून। सहकारिता, उच्च शिक्षा और दुग्ध विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धन सिंह रावत ने विश्वविद्यालयों में फीस वृद्धि को लेकर कहा है कि ये फैसला सरकार ने नहीं लिया है इसलिए फीस वृद्धि करने वाले विश्विद्यालयों पर सरकार कार्रवाई करेगी। बता दें कि उत्तराखंड में मौजूदा समय में 21 विश्वविद्यालय हैं,जिनमें से 11 गैर सरकारी हैं। इसी के चलते विश्वविद्यालयों ने बिना सरकार की परमिशन के फीस में वृद्धि कर दी है।
विश्वविद्यालयों द्वारा फीस में वृद्धि करने को लेकर मंत्री धन सिंह रावत ने सरकार की तरफ से बात रखते हुए कहा कि उत्तराखंड कि विधानसभा में जो निजी विश्वविद्यालय हैं उनकों लेकर हमने छह चीजों में संशोधन किया है। शिक्षा नियामत समिति के कार्यकाल को दो साल से बढ़ाकर तीन साल कर दिया गया है। दूसरा संशोधन जो सरकार ने किया है वो ये है कि इस समिति के जज 62 साल की उम्र में रिटायर होते हैं और वो इसमें 65 साल की उम्र तक रह सकते थे,लेकिन अब उसकी रिटायरमेंट की उम्र को 64 और यहां रहने की उम्र को 68 साल कर दिया गया है।
रावत कहा कि इसमें तीसरा संशोधन ये किया गया है कि अगर इस समिति के जज के खिलाफ कोई शिकायत आती है तो उसकी जांच पड़ताल करने के बाद उसको हटाने का भी प्रावधान सरकार ने कर दिया है। चौथा संशोधन सरकार ने ये किया है कि इसके सदस्यों की गलती पर उन्हें हटाने का अधिकार भी अब हमे होगा। पांचवा संशोधन-अगर कोई सदस्य त्यागपत्र दे देता है तो अब सरकार उसे मनाने की बजाए उसकी जगह किसी और को नियुक्त कर देगी। छठा संशोधन के बाद अब सरकार ने अल्पसंख्यक और अनुसूचित जाति-जनजाति के संस्थानों को भी नई पहचान दे दी गई है।
धन सिंह रावत ने कहा कि विश्वविद्यालयों की फीस वृद्धि का सवाल ही नहीं उठता और न ही विधानसभा में सरकार ने फीस वृद्धि को लेकर कोई फैसला किया है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने फीस कमेटी बनाई थी और उसकी अभी तक तीन बार बैठक हो चुकी है, लेकिन इसमें कोई प्रावधान करने का फैसला नहीं लिया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार के तीन मेडिकल विश्विद्यालयों ने हर बार फीस वृद्धि को लेकर तर्क दिया था। रावत ने ऐलान किया की प्रदेश के सभी 21 विश्वविद्यालय अब इस फीस कमेटी के अंतर्गत आएंगे।
https://www.facebook.com/ajassr/videos/1956257897718187/?t=13