- हाथरस की गैंगरेप पीड़िता का जबरन कराया अंतिम संस्कार
- आम जनता में आक्रोश की लहर, विपक्षी पार्टियां लामबंद, हर तरफ आक्रोश का नजारा
- इतनी भी जल्दी क्या थी के परिजनों को नहीं करने दिया उसकी बेटी का अंतिम दर्शन
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के हाथरस में गैंगरेप कि पीड़ित बालिका की मौत हो जाने के बाद जो कुछ भी हुआ उसे आप नजरअंदाज नहीं कर सकते। पुलिस ने लाख पूछने के बावजूद सिर्फ इतना कहा कि वह अंतिम संस्कार वाले स्थल पर किसी को नहीं जाने देगी उसकी बस इतनी ही ड्यूटी है। ऐसा क्यों किया जा रहा है, परिजनों को अंतिम दर्शन क्यों नहीं करने दिया जा रहा है, जिस जगह पर वह लाश जलाई जा रही है क्या एक्चुअल में वह उसी बालिका की लाश है जिसको लेकर इतना घमासान मचा है? इन तमाम प्रश्नों के जवाब भी शायद उसी चिता में जलकर खाक हो गए।
हर तरफ से छीछालेेदर होती देख उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चुप्पी तोड़ी है, उन्होंने कहा है कि इस मामले में एसआईटी गठित करने का ऐलान कर दिया गया है। गृह सचिव की अध्यक्षता वाली इस तीन सदस्यीय टीम में डीआईजी चंद्र प्रकाश और आईपीएस अधिकारी पूनम को सदस्य बनाया गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरे घटनाक्रम पर सख्त रुख अख्तियार करते हुए टीम को घटना की तह तक जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने समयबद्ध ढंग से जांच पूरी कर रिपोर्ट देने के निर्देश भी दिए हैं।
गौरतलब है कि इस मामले में चारों आरोपियों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। सीएम ने उनके खिलाफ फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में मुक़दमा चलाकर जल्द से जल्द सजा दिलाने का भी आदेश दिया।
वहीं दूसरी ओर यूपी के हाथरस में दलित युवती के साथ निर्भया जैसी हैवानियत पर सियासत गरमा गई है। सोशल मीडिया पर लोगों का आक्रोश झलक रहा है। दिल्ली के जिस सफदरजंग अस्पताल में पीड़िता ने कल आखिरी सांस ली और उसके बाद अस्पताला के बाहर प्रदर्शन हुआ, कैंडल मार्च निकला। यूपी में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग हो रही है।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि योगी सीएम पद से इस्तीफा दें
जघन्य वारदात के बाद कांग्रेस के महासचिव प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए कहा है कि उन्हें फौरन मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने पुलिस द्वारा जबरन किए गए अंतिम संस्कार को घोर अमानवीयता बताया है।
कुल मिलाकर इस पूरे घटनाक्रम में दोषियों की गिरफ्तारी तो हो गई है लेकिन क्या एसआईटी की टीम जल्द से जल्द उन दोषियों को सजा दिलाने में कामयाब हो पाएगी? क्या उत्तर प्रदेश में बढ़ रहे आपराधिक घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए सरकार कोई विशेष प्रयत्न कर पाएगी? खैर यह सब तो भविष्य के गर्भ में है? जब इन सवालों का जवाब मिले तक तक आप अपने कानों पर हाथ रख… यूपी में हो रही विभत्स घटनाओं को सहने की आदत डालें…