नई दिल्ली। दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) में अवैध भर्ती मामले में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया शुक्रवार को भ्रष्टाचार निरोधी शाखा (एसीबी) के समक्ष पेश हुए। एसीबी कार्यालय में प्रवेश से पहले सिसोदिया ने संवाददाताओं से कहा कि ‘कुछ लोग’ दिल्ली सरकार द्वारा किए गए कार्यो को हजम नहीं कर पा रहे हैं।
सिसोदिया ने कहा, हम अपना काम कर रहे हैं और कुछ लोगों को यह हजम नहीं हो रहा। यही कारण है कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) तथा एसीबी को हमारे पीछे लगने के लिए कहा गया है।इस बीच, दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा कि सिसोदिया को समन ‘राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित’ है।
सिसोदिया के एसीबी कार्यालय पहुंचने के तुरंत बाद मालीवाल ने ट्विटर पर कहा कि डीसीडब्ल्यू की नियुक्तियों में सिसोदिया की कोई भूमिका नहीं है।मालीवाल ने ट्वीट किया, एसीबी द्वारा मनीष सिसोदिया को समन राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित है। डीसीडब्ल्यू की नियुक्तियों में उनकी कोई भूमिका नहीं है। डीसीडब्ल्यू हमेशा स्वायत्तशासी संस्था रही है।
उन्होंने एसीबी पर दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के खिलाफ शिकायत पर कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया।डीसीडब्ल्यू में अवैध भर्ती मामले में मालीवाल भी आरोपी हैं और एसीबी उनसे दो बार पूछताछ कर चुकी है। उनके खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई है। मालीवाल ने ट्वीट किया, दुखद। एसीबी ने मेरे खिलाफ झूठा मामला दायर किया, शीला दीक्षित के खिलाफ भ्रष्टाचार की मेरी शिकायत पर सबूत के बावजूद बीते तीन सप्ताह से कोई कार्रवाई नहीं।
मालीवाल ने पिछले महीने शीला दीक्षित तथा डीसीडब्ल्यू की पूर्व अध्यक्ष बरखा सिंह शुक्ला व किरण वालिया पर व्यापक भ्रष्टाचार में लिप्त होने का अरोप लगाते हुए उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजने को कहा था।