नरसिंहपुर। केंद्र की मोदी सरकार के हर फैसले को लेकर अपना विरोध दर्ज कराने वाले पुर्व वित्त मंत्री और बीजेपी नेता यशवंत सिन्हा अब मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार को घेरने के लिए पहुंच गए हैं। सिन्हा मध्य प्रदेश में अपनी मांगो को लेकर आंदोलन करने वाले किसानों पर दर्ज मामलों को वापस लेने के लिए धरने पर बैठ गए हैं। अपने धरने की शुरुआत उन्होंने नरसिंहपुरा से की। एनटीपीसी से जुड़े भू-स्थापित किसानों को राहत देने और उन पर एससी-एसटी एक्ट के तहत दर्ज मामले की निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर सिन्हा धरने पर बैठे हैं।
उन्होंने यहां के कलेक्टर के मुख्य गेट पर बैठकर धरना शुरू कर दिया और वो यहां अकेल ही बैठे हैं। वहीं प्रशासन ने उनसे बातचीत करने की कोशिश की तो उन्होंने साफ इनकार कर दिया। दरअसल गुरुवार को करीब एक बजे कलेक्टोरेट के मुख्य गेट पर वे पहुंच गए। उनके साथ किसान नेता शिवकुमार शर्मा कक्काजी भी थे। सिन्हा से कलेक्टर अभय वर्मा, एसपी डॉ. मोनिका शुक्ला ने भी मुलाकात की।
सिन्हा ने जब उनसे पूछा कि किस तरह किसानों पर फर्जी तरीके से मामला दर्ज किया गया है तो दोनों अधिकारी बगलें झांकने लगे। उन्होंने विवशता भी बताई कि एससीएसटी एक्ट के दर्ज मामले अब वापस नहीं लिए जा सकते हैं। इस पर यशवंत सिन्हा ने कहा कि एनटीपीसी के जिस अधिकारी ने मामला दर्ज कराया है, उन्होंने ऐसी कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई, जिससे किसानों पर यह मामला बने। इसके बाद सिन्हा ने दोनों अधिकारियों से कहा कि आप पड़ताल कर लीजिए, तब तक वह धरने पर रहेंगे। पड़ताल चाहे आप 6 घंटे में कर लें या 6 माह में, वह तब तक यहां धरने पर ही बैठे हैं।