नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर सिंगर यूज प्लास्टिक पर बैन लगाने की योजना बनाई थी। हालांकि अब खबर है कि सरकार फिलहाल सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूरी तरह से रोक नहीं लगाएगी। दरअसल सरकार की योजना सिंगल यूज प्लास्टिक के छह आइटम्स पर प्रतिबंध लगाने की थी, लेकिन अर्थव्यवस्था में पहले से मौजूद सुस्ती और कर्मचारियों की छंटनी की वजह से आशंका है कि प्लास्टिक पर बैन से स्थिति और बिगड़ सकती है।
बता दें कि रॉयटर्स ने अपनी रिपोर्ट में दो सरकारी अधिकारियों के हवाले से बताया है कि सरकार प्लास्टिक बैग, कप, प्लेट, छोटे बोतल, स्ट्रॉ और कुछ चुनिंदा प्रकार के शैशे पर तुरंत रोक नहीं लगा रही है। इसके बदले सरकार लोगों को इन चीज़ों के इस्तेमाल रोकने के लिए प्रोत्साहित करेगी।
पर्यावरण मंत्रालय के शीर्ष ब्यूरोक्रेट चंद्र किशोर मिश्रा ने कहा कि सरकार ने राज्यों को सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रयोग के लिए एडवायजरी जारी की है। सरकार ने राज्यों को कहा कि प्लास्टिक के बने आइटम्स को बाहर करने का रास्ता दिखाएं। पहले चरण में लोगों को प्लास्टिक आइटम्स के नुकसान के बारे में जागरूक करें। लोग जागरूक होंगे तो वो खुद प्लास्टिक का इस्तेमाल छोड़ देंगे। उसके बाद दूसरे चरण में इसका विकल्प उपलब्ध कराएं।
वहीं ‘स्वच्छ भारत’ की ओर से ट्वीट कर कहा गया, ‘पीएम मोदी की ओर से 11 सितंबर 2019 को शुरू किए गए ‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान का मकसद सिंगल यूज प्लास्टिक को बैन करना नहीं, बल्कि इसके इस्तेमाल को रोकने के लिए लोगों में जागरूकता लाकर जन-आंदोलन बनाना है. इस ट्वीट में पीएमओ को भी टैग किया गया है।
उधर उद्योग जगत का कहना है कि अगर बगैर स्पष्ट परिभाषा के प्रतिबंध को लागू किया जाता है तो निश्चित रूप से उद्योग पर कुछ प्रभाव पड़ेगा और उद्योग से सीधे तौर पर कार्यरत पांच लाख लोग और 50 लाख अन्य लोग अपनी आजीविका खो देंगे. मौजूदा समय में यह उद्योग प्रत्यक्ष रूप से लगभग एक करोड़ लोगों को और अप्रत्यक्ष रूप से 10 करोड़ लोगों को रोजगार प्रदान करता है।