चंडीगढ़। पंजाब के स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को झटका देते हुए पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने लाखों रुपये के घोटाले में फंसे मेयर कुलवंत सिंह को राहत दे दी है। दरअसल सिद्धू ने मेयर पर आरोप लगाया था कि उन्होंने अधिकारियों के साथ मिलकर 28 लाख रुपये की कीमत वाली मशीन को 1.79 करोड़ रुपये में खरीदा था और टैक्स जोड़ने के बाद भी उसकी कीमत 70 से 80 लाख रुपये बैठ रही थी। इस मामले के उजागर होने के बाद सिद्धू ने मेयर को निलंबित कर दिया था,जिसे मेयर ने कोर्ट में चुनौती थी और अब कोर्ट ने निकाय मंत्री को झटका देते हुए मेयर के निलंबन को रद्द कर दिया है।
इस मामले को लेकर सीवीओ जांच में कहा गया था कि मशीन की कीमत किसी भी कीमत पर एक करोड़ 79 लाख रुपये नहीं हो सकती। सीवीओं की रिुपोर्ट के बाद सिद्धू ने मेयर कुलवंत सिंह, एक्सईएन नरेश बतरा, डीसीएफए विनायक को निलंबित कर एसीई महिंदरपाल और सुरिंदर गोयल को चार्जशीट किया था। विभाग ने मशीन को खरीदने का जारी आदेश तुरंत रद करने और कांट्रेक्टर को एडवांस दी गई राशि रिकवर करने के भी आदेश जारी किए थे। गौरतलब है कि मशीन खरीदने को लेकर मोहाली के पूर्व कमीश्नर उमा शंकर ने लगभग छह महीने तक हस्ताक्षर नहीं किए थे।
वहीं अब पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट से राहत मिलने पर मेयर कुलवंत सिंह ने न्यायपालिका का धन्यवाद करते हुए कहा कि यह सच की जीत है। मेयर ने कहा कि डेढ़ माह में उन्होंने जो भी भुगता है उसको लेकर संबंधित सभी लोगों पर वे मानहानि का दावा करेंगे। वह स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू और स्थानीय विधायक पर मानहानि का दावा ठोंकेगे। उनके वकील इस पर काम कर रहे हैं। एक सवाल के जवाब में मेयर ने कहा कि जो झूठे आरोप लगे हैं उससे वे बहुत आहत हैं। इस लड़ाई का असर थोड़ा बहुत तो विकास पर पड़ेगा लेकिन वे अपने हर पार्षद का धन्यवाद करना चाहते हैं चाहे वे किसी भी पार्टी का हो।